मुंबई : भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रम के बाद भड़की हिंसा के विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद को भारिप बहुजन महासंघ नेता और बी आर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने वापस ले लिया है. प्रकाश अंबेडकर ने राज्य सरकार पर दो दिन पहले पुणे जिले के भीमा कोरेगांव गांव में हिंसा रोकने में ‘विफल’ रहने का आरोप लगाते हुए बंद का आह्वान किया था.
इसस पहले महाराष्ट्र बंद ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया. इस वजह से मुंबई में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुए. पीटीआई के मुताबकि प्रदर्शनकारियों ने सिटी बसों पर हमला किया, उपनगरीय लोकल सेवाओं को रोक दिया और शहर में विभिन्न स्थानों पर सड़कों को अवरूद्ध कर दिया. इससे मुंबई में जनजीवन प्रभावित हो गया. प्रदर्शनकारियों ने उपनगरीय चेम्बूर, घाटकोपर, कामराज नगर, विक्रोली, दिंडोशी, कांदिवली, जोगेश्वरी, कालानगर और माहिम में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. सैकड़ों प्रर्दशनकारियों ने वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को अवरूद्ध करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया.
शहर और उपनगरीय इलाकों में प्रदर्शनों को देखते हुए वाहनों की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने यातायात मार्गों में फेरबदल किया था. अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी हार्बर लाइन के गोवंडी, मानखुर्द और कुर्ला स्टेशनों पर पटरियों पर आ गए, जिसके चलते पनवेल, बेलापुर और वाशी की ओर की उपनगरीय सेवाओं को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा.
सेंट्रल लाइन के ठाणे, भांडुप, कांजुर मार्ग, विक्रोली और घाटकोपर स्टेशनों पर भी इस तरह के प्रदर्शनों के कारण लोकल की सेवाएं प्रभावित हुईं. सैकड़ों लोगों को पटरियों पर चलते हुए देखा गया. पश्चिमी लाइन पर प्रदर्शनकारियों ने नालासोपारा स्टेशन पर सेवाओं को बाधित किया. बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कालानगर इलाका (बांद्रा), धारावी, कामराज नगर, संतोष नगर, दिंडोशी और हनुमान नगर इलाकों में नगर परिवहन सेवा ‘बेस्ट’ की 13 बसों को नुकसान पहुंचाया. मुंबई की जानी-मानी टिफिन सेवा प्रदाता ‘डब्बावाला’ ने बुधवार को अपनी सेवाएं नहीं दीं.
मुंबई डब्बावाला संघ के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘क्योंकि हमारे अधिकतर ग्राहकों को कार्यालय पहुंचने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए हमने आज अपनी सेवाओं को निलंबित रखने का निर्णय किया है.’’ मुंबई पुलिस ने शहर में हिंसक प्रदर्शनों को लेकर आज नौ मामले दर्ज किये. पुलिस ने बताया कि कल से 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुणे में पथराव की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर सामान्य तौर पर बंद शांतिपूर्ण रहा.
बता दें भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान 1 जनवरी को पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच संघर्ष हो गया था. जिसके बाद हिंसा की यह आग मंगलवार को मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में फैल गई थी.