लंबे लॉकडाउन के बाद आज देश अनलॉक हो गया है।सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों के पालन के साथ ही दिल्ली समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां आदि खुल गए हैं। इससे अब सब्जियों के भाव में तेजी आने की संभावना है। होटल, रेस्तरां और कैंटीन खुलने से फलों व सब्जियों की मांग में 10-15 फीसदी का इजाफा हो सकता है, लेकिन थोक मंडियों में इसको लेकर कारोबारियों में कोई उत्साह नहीं हैं।
अभी हमारे ऐप में 8500 से अधिक बेड खाली हैं। हमारे पास पर्याप्त बेड हैं पर बेड की क्षमता और बढ़ानी होगी क्योंकि समय के साथ केस भी बढ़ रहे हैं। 2 हफ्तों के अंदर दिल्ली में कोरोना के केस बढ़कर 56000 हो जाएंगे: दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन pic.twitter.com/OwHvD3CzuD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 8, 2020
होटल, रेस्तरां और कैंटीन खुलने से सब्जी, फल और दूध जैसी खाद्य-सामग्री की मांग में इजाफा होने के आसार हैं। कारोबारी बताते हैं कि होरेका सेगमेंट में सब्जियों की खपत आम तौर पर 25 फीसदी होती है और कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर बरती जा रही एहतियात की वजह से अगर थोड़ी कम क्षमता से भी अगर, होटल, रेस्तरां और कैंटीन चलेंगे तो भी आने वाले दिनों में सब्जियों की मांग मौजूदा स्तर से 10-15 फीसदी बढ़ सकती है।
होटल, रेस्तरां और कैंटीन में सब्जियों की खपत करीब 25 फीसद
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी एपीएमसी के पूर्व अध्यक्ष राजेंदर शमार् ने बताया कि होटल, रेस्तरां और कैंटीन में सब्जियों की खपत करीब 25 फीसद होती है और अगर आने वाले दिनों में अगर ये चलने लगेंगे तो 10-15 फीसदी मांग जरूर बढ़ेगी, लेकिन इस समय कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि कोरोना का डर सबको है।
चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूटस एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने आईएएनएस से कहा, “होटल, रेस्तरां खुलने पर भी लोग कोरोना संक्रमण को लेकर वहां जाने से घबराएंगे, लेकिन धीरे-धीरे हालात सामान्य होने पर अगले महीने तक सब्जी और फल की मांग में 10-15 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।” लेकिन दाम में वृद्धि को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मांग के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा होने से हरी शाक-सब्जी के दाम में बहुत सुधार की उम्मीद नहीं है।
टमाटर एक रुपये किलो से भी कम भाव पर बिका
आलू को अगर छोड़ दें तो प्याज-टमाटर समेत ज्यादातर हरी सब्जियों के दाम में कोरोना कॉल में कमी आई है। थोक मंडियों में प्याज का भाव 2.5 रुपये किलो तक गिर गया है। वहीं टमाटर एक रुपये किलो से भी कम भाव पर बिकने लगा है। यही प्याज और टमाटर पिछले साल के आखिरी महीनों में 100 रुपये से उंचे भाव बिका था। ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने कहा कि इस समय सब्जियों की कीमतें इतनी कम है कि किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्तरां और कैंटीन खुलने से सब्जियां महंगी होने का इस समय कोई सवाल ही नहीं है।
प्याज का थोक भाव 2.50 रुपये से 8.75 रुपये प्रति किलो
फलों और सब्जियों की एशिया की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर में शनिवार को प्याज का थोक भाव 2.5 0 रुपये से 8.75 रुपये प्रति किलो था जबकि टमाटर 1.25 रुपये से 4.75 रुपये प्रति किलो था। इससे पहले शुक्रवार को टमाटर का भाव 75 पैसे से 4.5 0 रुपये प्रति किलो था। एक कारोबारी ने बताया कि होटल, रेस्तरां और कैंटीन खुलने की उम्मीदों से ही शनिवार को टमाटर के दाम में इजाफा हुआ था। उन्होंने बताया कि कैंटीन और होटल में सब्जियों की सप्लाई करने वाले ठेकेदार मंडी पहुंचने लगे हैं।
प्याज-टमाटर के भाव गिरने की ये है वजह
टमाटर और प्याज के दाम में गिरावट की वजह इनके उत्पादन में वृद्धि भी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी बागवानी फसलों के दूसरें अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में 2 019-2 0 में करीब 32. 05 करोड़ टन बागवानी फसलों का उत्पादन हो सकता है जोकि पिछले साल के करीब 31. 07 करोड़ टन से 3.13 फीसदी अधिक है। वहीं, प्याज का उत्पादन पिछले साल की तुलना में इस साल 17.17 फीसदी ज्यादा 267.38 लाख टन होने का अनुमान है। टमाटर का उत्पादन पिछले साल के 19 0.1 लाख टन के मुकाबले 8.2 फीसदी बढ़कर 2 05.7 लाख टन का अनुमान है।
Jharkhand CM Hemant Soren permits BRO (Border Roads Organisation) to induct 11815 workers from Jharkhand after BRO gives written commitment to safeguard welfare rights of workers: Jharkhand Chief Minister's Office (CMO). (File pic) pic.twitter.com/PtL71DhN6X
— ANI (@ANI) June 8, 2020
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