संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है किसंसद से औपचारिक रूप से कानूनों को रद्द किया जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. वहीं, अब संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें हैं कि संसद से औपचारिक रूप से कानूनों को रद्द किया जाए. MSP पर कानून बनाया जाए और बिजली संसोधन बिल वापस लिया जाए.
किसान आगे की रणनीति तय करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं की 9 सदस्यीय कमिटी की बैठक होगी. इसके बाद पंजाब के किसान संगठनों की और परसों संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसके बाद किसान नेता स्पष्ट करेंगे कि आंदोलन की आगे क्या रूपरेखा होगी और दिल्ली की सीमाओं पर साल पर जमे किसान कब हटेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ”हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, इस घोषणा के संसदीय प्रक्रियाओं के जरिए पूरा होने तक इंतजार करेंगे. आंदोलन सिर्फ नए कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं था, फसलों के लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग अब भी लंबित हैं.”
पीएम मोदी का एलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लेगी और एमएसपी से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए समिति बनाएगी. पीएम ने कहा कि ”इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’’
उन्होंने आगे कहा, ”मैं देशवासियों से माफी मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य खुद किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए.”
#Poland accuse #Belarus of trucking hundreds of migrants back to the border and pushing them to attempt to cross illegally. Many migrants are sheltering in logistics centre in Bruzgi Village. The first repatriation flight in months returned hundreds of migrants to Iraq pic.twitter.com/BEcfD5SBuG
— DD News (@DDNewslive) November 20, 2021
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