दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने समेत तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने समेत तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि समाधान के लिए हम एक कमेटी का गठन करेंगे, जिसमें भारतिय किसान यूनियन, सरकार के लोग और दूसरे किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से किसान संगठनों के नामों की लिस्ट मांगी है. तीन अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट में किसान के धरने से लेकर कृषि कानूनों पर समाधान की मांग की है.
पहली याचिका में बॉर्डर बंद होने की वजह से दिल्ली आने जाने लोगों को दिक्कत और कोरोना संक्रमण का हवाला देकर दिल्ली की सीमाओं से आंदोलनकारी किसानों को तुंरत हटाए जाने की मांग की गई है. दूसरी याचिका में केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है कि किसानों की मांगों ओर गम्भीरता से विचार करें. याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराए और किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के बाबत NHRC से रिपोर्ट तलब करें. इसके अलावा तीसरी याचिका में किसानों को दिल्ली के अंदर एंट्री की इजाजत दिए जाने और यहां जंतर-मंतर जैसी जगह पर कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए प्रदर्शन की इजाजत की मांग की गई है.
दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने दलील के रूप में शाहीन बाग वाले केस का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि सार्वजनिक जगहों को अनिश्चित काल तक ऐसे प्रदर्शन के लिए नहीं रोका जा सकता. हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वकील के जिरह के तरीके पर नाखुशी जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि इतने संजीदा मसले पर आप ऐसे बहस कर रहे हैं कि कुछ समझ नहीं आ रहा है. जिसके बाद वकील ने मांग कि दिल्ली की सीमाओं पर जमे किसानों को हटाया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा जाना चाहिए. जिस पर कोर्ट ने कहा कि ठीक है, हम ऐसा करेंगे.
इसके बाद दूसरी याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने मांग कि किसी एक उपयुक्त जगह पर प्रदर्शन की इजाजत मिले, जहां कोविड गाइडलाइंस का पालन हो सके. बॉर्डर पर सहज आवागमन अभी संभव नहीं है. वहीं तीसरा याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वकील जी एसमणि की ओर से जिरह की गई. वकील ने मांग है कि सरकार किसानों की मांग पर गंभीरता से विचार करे. वकील ने कहा कि मैं किसानों के दर्द को समझता हूं. तमिलनाडु के किसान परिवार से हूं. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आप तमिलनाडु और पंजाब के किसानों की तकलीफ को एक जैसी मानकर चल रहे हैं, तो आप इस समस्या के बारे में कुछ नहीं जानते.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एकमात्र कानूनी मुद्दा है- दिल्ली की सीमाओं पर आवागमन की दिक्कत. इसके बाद सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा, ‘आपने बार्डर को ब्लॉक किया हुआ है, हमने नहीं. किसानों को दिल्ली आने से कौन रोक रहा है. हम लगातार किसानों से कानून की हर बारीकी पर लगातार संवाद कर रहे हैं. सरकार किसानों के हित का ध्यान रख रही है.’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से प्रदर्शनकारी किसानों के संगठन के नाम मांगे हैं. कोर्ट ने कहा कि आपकी किसानों से बातचीत सफल नहीं हो रही है. आप भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों को भी पार्टी बना सकते है. हम कल तक का वक्त देते हैं.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और कल (गुरुवार) तक जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि समाधान के लिए हम एक कमेटी का गठन करेंगे, जिसमें भारतिय किसान यूनियन, सरकार के लोग और दूसरे किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
Excellent meeting with Dominic Raab, UK Foreign Secretary. Discussed the vast potential of the India-UK partnership in the post-COVID, post-BREXIT world. Looking forward to next month's visit by PM Boris Johnson as Chief Guest at our Republic Day celebrations: PM Narendra Modi https://t.co/yeB5GLSTEs
— ANI (@ANI) December 16, 2020
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