अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत संतान की अच्छी सेहत और उसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए हर मां अपने बच्चे के लिए रखती है। इस साल यह व्रत 21 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है। इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके इस व्रत का संकल्प लेती हैं। इसके बाद पूरा दिन व्रत रखने के बाद शाम को सूर्यास्त के बाद माता की पूजा होती है। अगर आप भी अपनी संतान के लिए यह मंगल व्रत रखना चाहती हैं तो जान लें आखिर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।
अहोई अष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 21 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 44 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त: 22 नवंबर को सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक।
पूजा का मुहूर्त: 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक।
कुल अवधि: 1 घंटे 17 मिनट.
तारों को देखने का समय: शाम 06 बजकर 10 मिनट।
चंद्रोदय का समय: 21 अक्टूबर 2019 को रात 11 बजकर 46 मिनट तक।
अहोई अष्टमी पर अद्भुत योग-
इस साल माता पार्वती के पति शिव को समर्पित दिन सोमवार को अहोई अष्टमी पड़ने से एक अद्भुत योग बन रहा है। सोमवार होने से इस बार इस दिन माता पार्वती की अपने भक्तों पर विशेष अनुकंपा बनी रहेगी।