अतिरिक्त जवानों की तैनाती डीजी दिलबाग सिंह के आग्रह के बाद ही हुई है
नई दिल्ली। एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) के घाटी के सीक्रेट मिशन (Secret Kashmir tour) पर आने के तत्काल बाद कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार (central government) ने राज्य में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। इस फैसले ने कश्मीर घाटी में राजनीतिक दलों व अलगाववादियों में हलचल तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार अपने दौरे के दौरान अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने बताया कि वह पहले से ही उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की मांग करते रहे हैं। अतिरिक्त जवानों की तैनाती उनके आग्रह के बाद ही हुई है।
राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र के फैसले ने घाटी में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। उन्होंने लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10 हजार जवान तैनात करने का केंद्र का फैसला लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है जिसे सैन्य संसाधनों से नहीं सुलझाया जा सकता है। भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीति बदलने की जरूरत है।’ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी है। कुछ कंपनियां कश्मीर पहुंच गईं हैं। अन्य कंपनियां जल्द से जल्द घाटी पहुंचेंगी। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है। हर एक कंपनी में 90 से 100 कर्मी मौजूद रहते हैं।