अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ ”आक्रामकता का प्रदर्शन कर रही है और उसने भारत में असल में ”घुसपैठ की है। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका के एक दर्जन से अधिक सांसदों ने चीनी आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाई है और वे भारत के समर्थन में उतर आए हैं।
सीनेटर टॉम कॉटन ने सीनेट में गुरुवार को कहा, ”चीन अपने चारों ओर आक्रामक कदम उठा रहा है। उसने भारत में वास्तव में घुसपैठ की और 20 भारतीय जवानों को मार दिया। रिपब्लिकन पार्टी के नेता कॉटन ने कहा कि चीन ने दक्षिण चीन सागर पर हमला किया है या वियतनाम, मलेशिया और फिलीपीन को डराया। उसने ताइवान और जापानी हवाई क्षेत्र में अनधिकृत प्रवेश किया है। उन्होंने कहा कि हांगकांग में हाल में लागू सुरक्षा कानून ने स्पष्ट कर दिया है कि सीपीसी न तो अपने लोगों और न ही अन्य देशों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगी।
कॉटन ने चीन पर अमेरिका, विश्व व्यापार संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य के प्रति प्रतिबद्धताएं पूरी न करने का आरोप लगाया। सीनेटर मिच मैक्कोनल ने सीनेट में राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार अधिनियम (एनडीएए) 2011 के समर्थन में दिए अपने भाषण में आरोप लगाया कि चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उकसाने वाले कदम उठा रहा है।
सीनेटर जॉन कॉर्निन ने इस सप्ताह एनडीएए में एक संशोधन पेश किया था, जो पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत का समर्थन करता है। मैक्कोनल ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), दक्षिण चीन सागर, सेंकाकू द्वीप समेत विवादित क्षेत्रों में और इसके आस-पास चीन का विस्तार एवं आक्रामकता चिंता का विषय है। इस बीच, भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि चीन की इस आक्रामकता के जवाब में अमेरिका को भारत समेत क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ खड़े होने का संकल्प लेना चाहिए।
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