अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है। प्रदेश पुलिस इसके लिए पूरी तरह तैयार है। आगरा सहित 21 जिलों को संवेदनशील की सूची में रखा गया है। चप्पे-चप्पे पर पैरामिलिट्री फोर्स का पहरा रहेगा। जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाएं बंद कराई जाएंगी। हर जिले में अस्थाई जेलें बनाई गई हैं। पूरे प्रदेश में 673 लोगों पर खुफिया एजेंसियों की नजर है। यह कहना था प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह का।
दिल्ली से लौटते समय शुक्रवार को डीजीपी आगरा आए। उन्होंने पुलिस लाइन में जोन के पुलिस अधिकारियों और आगरा के समस्त थाना प्रभारियों के साथ बैठक की। यह जाना कि पुलिस ने अभी तक क्या तैयारियां की हैं। इसके बाद मीडिया से रूबरू हुए। बताया कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है। वर्तमान में अयोध्या परिक्रमा चल रही है। उसके बाद बारावफात है। 11 से 13 तक कार्तिक पूर्णिमा मेला है। अयोध्या पर फैसले से पहले हर जिले में व्यापक स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है। खुद आला अधिकारी फुट पेट्रोलिंग कर रहे हैं। असामाजिक तत्वों को चिन्हित किया गया है। सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। सर्वसमाज की बैठकों का दौर चल रहा है। ढाई साल में प्रदेश में कोई सांप्रदायिक उन्माद नहीं हुआ है। हर साल लगभग 70 हजार धार्मिक जुलूस निकलते हैं। पुलिस ने सभी आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न कराया है। उन्होंने कहा कि फैसला जो भी आए, प्रदेशभर में पूरी तरह शांति रहनी चाहिए। पुलिस इसके लिए हर संभव प्रयास में जुटी है। केंद्र सरकार से पैरामिलिट्री फोर्स मांगा गया है। लगभग 40 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स मिलेगा।
अयोध्या की किलेबंदी में जुटा फोर्स
डीजीपी ने बताया कि अयोध्या में सुरक्षा पहले से भी पुख्ता कर दी गई है। पुलिस की सभी इकाइयों का डेरा है। एटीएस और एसटीएफ को लगाया गया है। इंडो-नेपाल बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके लिए एसएसबी और कस्टम अधिकारियों से भी बात की गई है, ताकि सघन चेकिंग के बिना कोई नहीं आ सके।
मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद सहित कई जिले संवेदनशील
डीजीपी ने बताया कि 21 जिलों की सूची में मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बनारस, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा आदि जिले शामिल हैं। इन जिलों में पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी, आरआरएफ, आरएएफ तैनात की जाएगी।