कूटा. बाली में छुट्टियां बिताने जाने वालों के लिए ताड़ के पेड़ों से घिरा कूटा बीच आकर्षण का केंद्र माना जाता है. यहा पर्यटक समुद्र में सर्फिंग और तट पर धूप सेंकने के लिए आते हैं. लेकिन इन दिनों ये बीच कचरे के ढेर से अटा पड़ा है. कचरे के कारण यहां आपात स्थिति घोषित कर दी गई है. जाहिर है ये यहां आने वाले पर्यटक ही यहां चिप्स के पैकेट और कचरा भी फैलाते होंगे जिससे वहां कचरे का अंबार लग गया.
समुद्र तट पर धूप सेंक रहे लोगों के आस-पास प्लास्टिक का कूड़ा और खाने के पैकेट बिखरे पड़े रहते हैं. ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक वेनेसा मूनशाइन ने कहा, ‘‘मैं तैरना चाहती हूं लेकिन यहां तैरना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं क्योंकि यहां हर दिन, हर समय कचरा पड़ा रहता है।’’ 17,000 से अधिक द्वीपों का यह द्वीपसमूह समुद्री कचरा पैदा करने के मामले में चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इंडोनेशिया में सालाना 12.9 लाख टन कचरा पैदा होता है.
इन बीचों पर आपात की स्थिति
यह समस्या इतनी विकराल हो गई है कि बीते महीने बाली में जिमबारन, कूटा और सेमियांक जैसे लोकप्रिय समुद्री तटों सहित करीब छह किलोमीटर के समुद्र तट पर कचरे के कारण आपात स्थिति की घोषणा करनी पड़ी.
700 सफाइकर्मी लगे
अधिकारियों ने हर दिन तकरीबन 100 टन कचरे को पास के लैंडफिल तक ले जाने के लिए 700 सफाई कर्मचारियों और 35 ट्रकों को तैनात किया है. संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण की ‘क्लीन सी’ मुहिम में शामिल करीब 40 देशों में इंडोनेशिया भी शामिल है, जिनका लक्ष्य समुद्र को दूषित करने वाले प्लास्टिक के कचरों पर लगाम लगाना है.