बांग्लादेश: ढाका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत और बांग्लादेश के बीच ‘‘विशेष’’ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (Minister of External Affairs S Jaishankar) सोमवार को बांग्लादेश (Bangladesh) पहुंच गए हैं.

भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) के बीच ‘‘विशेष’’ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (Minister of External Affairs S Jaishankar) सोमवार को ढाका (Dhaka) पहुंच गए हैं. ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया कि नई दिल्ली से ढाका में हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचने पर विदेश मंत्री का स्वागत उनके बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन ने किया.

इसके अनुसार, ‘‘बांग्लादेश (Bangladesh) भारत का अहम सहयोगी और उसकी ‘‘पड़ोसी प्रथम’’ नीति का मुख्य स्तंभ है.’’

विदेश मंत्री के तौर पर यात्रा के लिए एस जयशंकर ने पहला देश चुना ‘बांग्लादेश’
विदेश मंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने के बाद जयशंकर की बांग्लादेश की यह पहली यात्रा है. वहां पहुंचने पर मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘ढाका में अपने प्रवास को लेकर आशान्वित हूं और उम्मीद करता हूं कि यह फलदायी होगा तथा भारत-बांग्लादेश के विशेष संबंध को और मजबूती देने पर चर्चा होगी.’’

एक महीने के भीतर दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्च स्तरीय बातचीत होगी. इससे पहले 7-8 अगस्त को बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमान खान ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से द्विपक्षीय बातचीत की थी.

शेखमुजीबुर रहमान को देंगे श्रद्धांजलि
बांग्लादेश की दो दिन की यात्रा पर पहुंचे जयशंकर अपनी यात्रा की शुरुआत मंगलवार सुबह धनमंडी में ‘बंगबंधु संग्रहालय’ में देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि देने के साथ करेंगे.

जयशंकर इसके बाद अपने समकक्ष मोमेन के साथ बैठक करेंगे और दोपहर में प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina) से मुलाकात करेंगे.

तेज-तर्रार अफसर रहे हैं एस जयशंकर
दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक जयशंकर ने राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की डिग्री ली है. वह 1977 बैच के IFS अधिकारी हैं और उनका पहला बड़ा काम तब हुआ जब उन्हें मास्को में भारतीय दूतावास में पहला सेक्रेटरी नियुक्त किया गया. रूसी में कुशल, जयशंकर को जापानी और हंगेरियन भाषाओं की भी अच्छी समझ है.

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