भारत के MSME को बड़ी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता होती है। यह सेक्टर वर्किंग कैपिटल की कमी का सामना कर रहा है, और किफायती लोन तक पहुंच सीमित है। इसे ध्यान में रखते हुए, कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने छोटे कारोबारियों को लोन देना शुरू किया है।
MSMEs भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और कोरोना महामारी के असर से आगे बढ़ने और इकोनॉमी के रिवाइवल में यह अहम भूमिका निभा सकती है। एमएसएमई मामलों के पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि उनका मिशन देश के जीडीपी में एमएसएमई क्षेत्र के योगदान को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक ले जाना है।
हालांकि एमएसएमई को अपना ऑपरेशंस जारी रखने और उसका विस्तार करने के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता होती है। यह सेक्टर वर्किंग कैपिटल की कमी का सामना कर रहा है, और किफायती लोन तक पहुंच सीमित है। इसे ध्यान में रखते हुए, कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने छोटे व्यवसायों को अपना कर्ज देना शुरू कर दिया है।
भारत के कुछ शीर्ष बैंकों की तरफ से एमएसएमई के लिए पेश की गई वित्तीय योजनाओं के बारे में यहां जानकारी दी गई हैं:
बैंक ऑफ बड़ौदा
1908 में शुरू हुआ बैंक ऑफ बड़ौदा, एक सरकारी बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी है। यह एमएसएमई की वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए फंड मुहैया कराने वाली एक अहम संस्था है और यह निम्नलिखित योजनाएं ऑफर करता है:
Baroda SME Loan Pack
इसके तहत एसएमई उधारकर्ताओं की वर्किंग कैपिटल जरूरतों और लोन की लिमिट में आने वाले लंबी अवधि की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सिंगल लाइन क्रेडिट दिया जाता है। इसका उद्देश्य वर्किंग कैपिटल (फंड-आधारित और गैर-फंड-आधारित) और लंबी अवधि की जरूरतों के लिए परेशानी मुक्त कर्ज प्रदान करना है। कर्ज को कारोबार की प्रकृति, साइक्लिकल ट्रेंड्स, कैश फ्लो के अनुमानों, पीक-टाइम जरूरतों और किसी अप्रत्याशित घटना का कारोबार पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखर दिया जाता है।
MSME Capex Loan
इस लोन को रोजाना की व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े कैपिटल एक्पेंडिचर के लिए इस लोन पर विचार किया जाता है। इन गतिविधियों में पुरानी मशीन की जगह नई मशीन लगाना, बैलेंसिंग उपकरणों की खरीद, आधुनिकीकरण, रिसर्च और डिवेलपमेंट में निवेश, कैप्टिव सोलर प्लांट्स की स्थापना, टेक्नोलॉजी का अपग्रेडेशन आदि शामिल है।
SME Short Term Loan
यह कम अवधि का लोन है, जिसे लिक्विडिटी में आई अस्थायी कमी/बेमेल को पूरा करने के दिया जाता है, जिससे वास्तविक कारोबारी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
नियामकीय परिभाषा के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और 150 करोड़ रुपये तक सालाना सेल्स टर्नओवर वाली अन्य सभी संस्थाएं इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। साथ ही उनकी पिछले तीन सालों की क्रेडिट रेटिंग संतोषजनक (बॉब-5 और ऊपर) होनी चाहिए। इसके अलावा नवीनतम बैलेंस शीट, संतोषजनक वित्तीय प्रदर्शन और कम से कम तीन सालों के लिए बैंक के साथ संतोषजनक व्यवहार होना चाहिए।
SME Medium Term Loan
इस लोन का उद्देश्य उद्यमों के वर्किंग कैपिटल अंतर को कम करना और करेंट रेशियो को सुधारने में मदद करना और वास्तविक व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करना भी है। यह सुविधा अन्य बैंकों या संस्थानों के सुरक्षित और असुरक्षित लोन के रिपेमेंट के लिए भी उपलब्ध होगी, लेकिन उद्यमों की गतिविधि से असंबंधित उद्देश्यों के लिए इसे नहीं लिया जा सकता है। नियामकीय परिभाषा के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और 1 करोड़ रुपये से 150 करोड़ रुपये के सालाना सेल्स टर्नओवर वाली सभी संस्थाएं इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।
यस बैंक
यस बैंक की शुरुआत 2004 में हुई थी। यह एमएसएमई, स्मार्ट एज, स्मार्ट ओवरड्राफ्ट, कैश बैक्ड लेंडिंग प्रोग्राम आदि के लिए गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन के तहत छोटे व्यवसायों को लोन मुहैया कराता है।
Guaranteed Emergency Credit Line (GECL) for MSMEs
जीईसीएल एक एमएसएमई लोन है जिसके लिए बैंक को नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) की तरफ से 100 प्रतिशत गारंटी प्रदान की जाएगी, और जिसे योग्य एमएसएमई को अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल टर्म लोन सुविधा के रूप में दिया जाएगा।
29 फरवरी 2022 तक की जानकारी के मुताबिक, जीईसीएल के तहत 50 करोड़ रुपये तक के कर्जदार को कुल बकाया कर्ज का 20 फीसदी तक क्रेडिट मिलेगा। इसमें ऑफ-बैलेंस शीट और गैर-फंड-आधारित एक्सपोजर शामिल नहीं होगा।
Smart Edge
स्मार्ट एज प्रोग्राम को एमएसएमई को उनकी वर्किंग कैपिटल और अन्य कारोबारी जरूरतों के लिए पैसों तक आसान पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें स्कोरकार्ड से जुड़े मूल्यांकन मॉडल के आधार पर 1 करोड़ रुपये से 3 करोड़ रुपये के बीच की क्रेडिट सीमा है।
Smart overdraft
इस योजना का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग के कारोबार में लगे एमएसएमई के साथ-साथ डॉक्टरों, चार्टर्ड एकाउंटेंट, इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स जैसे पेशेवरों को बिना बैलेंस शीट के 1 करोड़ रुपये तक की वर्किंग कैपिटल प्रदान करना है।
Cash-Backed Lending Programme
यह लेटर ऑफ क्रेडिट, बायर्स क्रेडिट और बैंक गारंटी के रूप में एक गैर फंड-आधारित योजना है। लेटर ऑफ क्रेडिट 180 दिनों के लिए या आपूर्तिकर्ता के क्रेडिट एलसी के मामले में तीन साल तक के लिए है। बैंक गारंटी 36 महीने (दावा अवधि सहित) है। इसके अलावा, गैर-पूंजीगत वस्तुओं के लिए BC की व्यवस्था के लिए एक वर्ष तक और पूंजीगत वस्तुओं के लिए BC की व्यवस्था के लिए तीन वर्ष तक का लेटर ऑफ अंडरटेकिंग है।
HDFC बैंक
संपत्ति के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर लेंडर्स, एचडीएफसी बैंक का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है। एचडीएफसी बैंक इन वर्किंग कैपिटल लोन, बिजनेस लोन और टर्म लोन के जरिेए छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है:
Working Capital Loans
बैंक कैश क्रेडिट ओवरड्राफ्ट, टर्म लोन (टीएल), लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी), बैंक गारंटी (बीजी), पैकिंग क्रेडिट (पीसी), पोस्ट शिपमेंट फाइनेंस, बिल डिस्काउंटिंग आदि के तहत एसएमई को वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए प्राथमिकता के आधार पर लोन देता है। इन लोन को एक समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर और घर पर जाकर सेवा देने वाले एसोसिएट्स के जरिए प्रॉसेस किया जाता है।
Business Loans
बैंक के बिजनेस लोन ऑफर में 50 लाख रुपये तक का कर्ज, कोलैटरल या गारंटर की छूट, यहां तक कि बिजनेस लोन बैलेंट ट्रांसफर का लाभ भी शामिल है। इसके अलावा, यह बिजनेस लोन पर कई विशेष लाभ प्रदान करता है, जैसे ओवरड्राफ्ट सुविधा और लचीले टेन्योर का विकल्प आदि।
Term Loans
व्यवसायों को उनके विस्तार, कैपिटल एक्सपेंडिचर और अचल संपत्तियों के लिए पांच साल के कार्यकाल तक के लिए टर्म लोन की पेशकश की जाती है। एचडीएफसी बैंक कम अवधि के लोन विकल्प भी प्रदान करता है जो एसएमई की व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाए हए हैं। बैंक कारोबार के उपलब्ध कैश फ्लो से मेल खाने वाला रिपेमेंट का समय तय करेगा।
ICICI बैंक
ICICI बैंक एक भारतीय बहुराष्ट्रीय बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी है। इसका रजिस्टर्ड ऑफिस वडोदरा, गुजरात में और कॉर्पोरेट ऑफिस मुंबई, महाराष्ट्र में है। यह MSMEs को उनके बॉटम लाइन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए अनुकूलित फाइनेंशयिल प्रोडक्ट और सर्विसेज ऑफर करता है।
Loans for SMEs
बैंक वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए कैश क्रेडिट / ओवरड्राफ्ट के रूप में एसएमई को लोन ऑफर करता है, और प्री-शिपमेंट और पोस्ट-शिपमेंट फाइनेंस मुहैया कराने के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट प्रदान करता है। यह व्यापार की सुविधा के लिए एक लेटर ऑफ क्रेडिट, कमर्शियल संपत्तियों को खरीदने के लिए टर्म लोन और बिजनेस के विस्तार के लिए लोन भी प्रदान करता है।
ये लोन आवासीय, कमर्शियल, औद्योगिक संपत्ति और लिक्विड सिक्योरिटीज के संदर्भ में लचीले कोलैटरल विकल्पों के साथ आते हैं।
Collateral-free loan
यह लोन ऑफर उन एसएमई को ध्यान में रखकर लॉन्च किया गया है, जिनके पास जरूरी कौलैटरल नहीं हो सकता है। आईसीआईसीआई बैंक, सिडबी और लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय की सीजीटीएमएसई योजना के तहत 2 करोड़ रुपये तक के कोलैटरल-मुक्त कैश लोन और टर्म लोन प्रदान करता है, जैसा कि एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 के तहत परिभाषित किया गया है।
बैंक ऑफ इंडिया 1906 में शुरू हुआ था और 1969 में सरकार ने इसका राष्ट्रीकरण कर दिया था। मुंबई-मुख्यालय यह कमर्शियल बैंक छोटे बिजनेसों को सीएलसीएस-टीयू योजना, स्टार एमएसएमई ई-रिक्शा, स्टार एमएसएमई जीएसटी प्लस योजना, स्टार बुनकर मुद्रा योजना, स्टार एसएमई शिक्षा प्लस, स्टार स्टार्ट अप योजना और कई अन्य योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
बैंक सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाएं जैसे स्टैंड अप इंडिया, प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), बुनकर मुद्रा योजना, क्लस्टर फाइनेंसिंग सहित और भी कई योजनाओं के तहत लोन ऑफर करता है।
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— ANI Digital (@ani_digital) April 22, 2022
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