तिब्बत बॉर्डर (Tibet Border) पर लगातार चीनी सेना (Chinese Army) युद्ध की तैयारियों में व्यस्त है और चीन की सरकारी मीडिया भारत को लगातार धमकाने का काम कर रही है. इस बार फिर चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच तनाव का असर अगर व्यापारिक रिश्तों पर पड़ा तो ये भारत के लिए घातक साबित हो सकता है.
Opinion: #India must not let border scuffle fray economic ties with #China. As the radical elements in India are fuelling nationalist fever, we hope Indian people won’t be fooled. India needs China, economically and geopolitically. #GalwanValleyhttps://t.co/LWRvA0dGcX pic.twitter.com/gyLnbYBMy2
— Global Times (@globaltimesnews) June 21, 2020
बीजिंग. भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प (India-China Rift) के बाद से ही चीन लगातार शांति और बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की बात कहता रहा है. हालांकि तिब्बत बॉर्डर (Tibet Border) पर लगातार चीनी सेना युद्ध की तैयारियों में व्यस्त है और चीन की सरकारी मीडिया भारत को लगातार धमकाने का काम कर रही है. इस बार फिर चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच तनाव का असर अगर व्यापारिक रिश्तों पर पड़ा तो ये भारत के लिए घातक साबित हो सकता है. चीन ने भारतीयों को ‘राष्ट्रवाद’ के चक्कर में बेफकूफ न बनने की सलाह भी दे डाली है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में आरोप लगाया
गया है कि कुछ लोग भारतीयों को चीन के खिलाफ भड़का रहे हैं और राष्ट्रवाद के सहारे उन्हें बेफकूफ बनाना चाहते हैं. दरअसल चीन भारत में जारी ‘बायकॉट चाइना’ मूवमेंट से घबराया हुआ है और लगातार इस तरह के आरोप लगा रहा है और धमकी दे रहा है. ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में भी चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना के आक्रामक रवैये के चलते सीमा पर तनाव पैदा हुआ है. इस लेख में भारतीय सेना के रिटायर्ड अफसर रंजीत सिंह का भी जिक्र किया गया है. चीन ने कहा है कि रंजीत जैसे कुछ लोगों को लगता है कि चीनी सामान के बहिष्कार से हमारी कमर टूट जाएगी, हालांकि उनका ऐसा सोचना गलत है.
भारतीयों को दी बेफकूफ न बनने की सलाह
इस आर्तिकल में भारतीयों को ‘राष्ट्रवाद’ की आड़ में बेफकूफ न बनने की सलाह दी गई है. इसमें कहा गया है कि भारत को चीन जैसे साथी कि आर्थिक और सामरिक रूप से ज़रुरत है. चीन ही भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और भारत के विकास की नीव विदेशी निवेश है जिसका बड़ा हिस्सा चीन से ही आ रहा है. इसमें दावा किया गया है कि भारत के 30 बड़े स्टार्टअप में से 18 में चीन ने ही निवेश किया है. इसके अलावा घरेलू सामन, टीवी, माइक्रोवेव, एयरकंडीशनर, मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसी सभी ज़रूरी चीजें भारत में चीन से ही आयात की जा रही हैं. चीन से भारत को काफी सस्ते में सभी सामान मिलता है, अगर वो कहीं और से ये सब लेना चाहता है तो इसकी कीमत काफी भारी पड़ सकती है.
चीन ने कहा है कि भारत में दावा किया जा रहा है कि वे अब मेड इन इंडिया इक्विपमेंट के जरिए 4G इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले हैं, हालांकि सच ये है कि भारत में एक भी ऐसा टेलिकॉम प्रदाता नहीं है जो कि 3G या 4G इंटरनेट के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स का उत्पादन करता हो. चीन ने भारत को सलाह दी है कि उसकी सबसे बड़ी सीमा चीन और पाकिस्तान से लगी हुई है और दोनों ही देशों से तनाव उसे काफी भारी पड़ सकता है. चीन के मुताबिक भारत और चीन में अच्छे रिश्ते बनाने की 100 वजह हैं लेकिन कुछ लोगों के बहकावे में आकर चीन के खिलाफ अफवाहें उड़ाई जा रही हैं. चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पड़ोस में दुश्मन के रहने से अच्छा होता है कि कोई दोस्त रहे.
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