कोलकाता. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि दुर्गा पूजा कार्निवाल में उनका अपमान हुआ है। 11 अक्टूबर को कोलकाता में तृणमूल सरकार की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। राज्यपाल धनखड़ को इस आयोजन में कथित रूप से किनारे कर दिया गया था। उन्हें बैठने के लिए जो सीट दी गई, वहां से कार्यक्रम भी ठीक से दिखाई नहीं दिया।
धनखड़ ने कहा, “मैं बहुत आहत और विचलित हूं। ये मेरा नहीं, बल्कि बंगाल की संस्कृति का अपमान है। बंगाल के लोग इस बात को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। बंगाल के आम लोगों से इतर मेरे साथ इस तरह का बर्ताव करने वाले लोगों का दिल बड़ा नहीं है। मैं जनता का सेवक हूं और कोई मुझे डिगा नहीं सकता। दूसरों के बर्ताव की परवाह किए बिना मैं अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाता रहूंगा।”
एक सप्ताह बाद बयान पर तृणमूल ने सवाल उठाया
राज्यपाल का बयान आने के बाद, तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि उनका बयान पद की गरिमा के मुताबिक नहीं है। पार्टी नेता तपस रॉय ने कहा कि वो बेवजह का विवाद खड़ा कर रहे हैं। कार्यक्रम के एक सप्ताह बाद इस तरह के बयान का कोई अर्थ नहीं है।
घटना से उबरने में तीन दिन लग गए- धनखड़
धनखड़ ने कहा कि इस घटना से उबरने में तीन दिन लग गए। उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में आत्म मंथन करेंगी। उन्होंने कहा कि जनता के पहले सेवक के साथ इस तरह के बर्ताव न हो, इसके लिए व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए।
बंगाल में दुर्गापूजा कार्निवाल का ये चौथा साल था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर इसे शुरु किया गया था। राज्यपाल के साथ इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मंत्रिमंडल के सदस्य, कई दूतावासों के सदस्य, पर्यटक और नागरिक मौजूद थे।