भोपाल: आज रात 9 बजे राजभवन में शपथ लेंगे-शिवराज सिंह चौहान

शिवराज मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसे पहले नेता, जो चौथी बार सीएम बनेंगेशिवराज 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं

भोपाल. भाजपा आलाकमान ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम तय कर दिया है। वे आज रात 9 बजे राजभवन में शपथ लेंगे। 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी। माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम ही मुहर लगा दी है और शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक के बाद इसका ऐलान कर दिया जाएगा।

ताजा सियासी ड्रामे में शिवराज सबसे बड़े गेनर

15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार जब दिसंबर 2018 में चुनाव हार गई, तो उसके बाद शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। खबरें थीं कि शिवराज को केंद्र में भेजा जा सकता है लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश में ही रहने की इच्छा जताई। शिवराज हार के बाद भी प्रदेश में सक्रिय रहे। शिवराज ने इसी साल जनवरी में सिंधिया से मुलाकात भी की थी। हालांकि, इसे उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया था। मध्यप्रदेश में हाल ही में 17 दिन तक चले सियासी ड्रामे से सबसे ज्यादा फायदे में शिवराज रहे।

शिवराज को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा
भाजपा सरकार बना लेती है, तब उसे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। पिछले साल महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद भी उन्हें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा, जिसमें वे जीत गए। कर्नाटक में भी 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनी। राज्यपाल ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने। 6 दिन बाद ही येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसी तरह शिवराज को भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा।

24 सीटों पर 6 महीने में चुनाव होंगे
विधानसभा में 230 सीटें हैं। दो विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए थे। इनमें 6 मंत्री भी थे। स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके हैं। इस तरह कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं।

उपचुनाव में भाजपा को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी
भाजपा के पास 106 विधायक हैं। 4 निर्दलीय उसके समर्थन में आए तो भाजपा+ की संख्या 110 हो जाती है। 24 सीटों पर उपचुनाव होने पर भाजपा को बहुमत के लिए 7 और सीटों की जरूरत होगी। अगर निर्दलीयों ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो उपचुनाव में पार्टी को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी।

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

Idea TV News:- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें  पर लाइक और  पर फॉलो करें।

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts