नई दिल्ली: एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर बालीवुड की तीन फिल्मों में नजर आ चुकी हैं और उनकी तीनों फिल्में ही अपने अलग हटके विषय और मैसेज के कारण खबरों में रहीं. सिर्फ भूमि ही नहीं, बल्कि हिंदी फिल्मों में पहले की तुलना में ज्यादातर एक्ट्रेस मजबूत किरदारों में नजर आ रही हैं. लेकिन इन बदलते किरदारों के बाद भी एक्ट्रेस के लिए समाज की सोच में अभी भी वही रूढ़िवादी सोच नजर आती है. न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार 28 साल की एक्ट्रेस ने गोवा में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में ‘ब्रेकिंग स्टीरियोटाइप्स’ पर मास्टरक्लास में हिस्सा लिया और यहां आत करते हुए कहा कि एक मजबूत और आत्मविश्वास से भरपूर महिला को हमेशा ‘‘मुश्किल’’ महिला की संज्ञा दी जाती है.
भूमि ने पीटीआई भाषा को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, ‘‘समाज में हर कहीं, यहां तक कि मेरी रिश्तेदारी में भी, जब लोगों को पता चला कि मैं एक्ट्रेस बनने वाली हूं तो वे काफी परेशान हो गए क्योंकि अभिनेत्री शब्द के साथ काफी नकारात्मकता जुड़ी हुई है.’ भूमि को लगता है कि सिनेमा में लंबे समय से महिलाओं को उनकी वाजिब जगह नहीं मिली है और महिलाओं को पुरूषों के चश्मे से देखा जाता है.
भूमि ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारी संस्कृति में, किसी भी ताकतवर महिला को मुश्किल कहा जाता है, या उसके लिए अलग-अलग शब्द का इस्तेमाल किया जाता है जोकि अपमानजनक है. यह दुखद है लेकिन हमारे देश में ऐसा ही है. हमारी संस्कृति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है और हमें इसे लेकर कुछ करने की जरूरत है.’
बता दें कि भूमि पेडनेकर सबसे पहले फिल्म ‘दम लगाकर हईशा’ में नजर आई थीं. इस साल भूमि दो फिल्मों में नजर आई हैं. सबसे पहले वह अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ में दिखीं तो वहीं एक बार फिर आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ में नजर आईं.
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