भारत ने जबरदस्त कूटनीति का नमूना पेश करते हुए सीमा विवाद के मुद्दे पर चीन और नेपाल को एकसाथ कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच चीन ने जहां अचानक शांति का राग अलापना शुरू कर दिया है, तो नेपाल ने भी नक्शा विवाद मामले में विधेयक वापस ले लिया है। इससे विवादित नक्शे से जुड़ा विधेयक नेपाली संसद में पास नहीं हो पाया।
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच चीन ने अब शांति का राग अलापा है। मंगलवार को सेना को तैयार रहने का निर्देश देने के बाद बुधवार को पहले चीनी विदेश मंत्री ने सीमा पर भारत के साथ सीमा पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रण में बताया। वहीं, भारत में चीन के राजदूत ने मतभेदों को बातचीत के जरिए मिटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाइनीज ड्रैगन और भारतीय हाथी एक साथ नृत्य कर सकते हैं। चीनी राजदूत ने एक कार्यक्रम में कहा भारत-चीन शांति एकमात्र सही विकल्प है। उन्होंने मतभेद समाप्त करने के लिए तंत्र का हवाला देते हुए कहा मतभेद का असर संबंधों पर नहीं पड़ना चाहिए।
Prime Minister Narendra Modi spoke today to Mahinda Rajapaksa, Prime Minister of Sri Lanka, to congratulate him on having completed 50 years since his first entering the Parliament of Sri Lanka: Prime Minister's Office (PMO) pic.twitter.com/U8OV6EmYVZ
— ANI (@ANI) May 27, 2020
गौरतलब है कि 5 मई से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है। चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण के बाद दोनों सेनाएं उस इलाके में डंटी हुई हैं। जानकारों का कहना है कि चीन के शांति संबंधी बयान को जमीन पर देखना होगा। जहां चीन सीमा संबंधी धारणा को बदलना चाहता है। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने कंफेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स मीट को संबोधित करते हुए भारत और चीन के रिश्तों को प्रगाढ़ करने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने मतभेदों को अपने रिश्तों पर हावी नहीं होने देना चाहिए। हमें इन मतभेदों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहिए। विडोंग ने आगे कहा कि चीन और भारत कोविड-19 के खिलाफ साझी लड़ाई लड़ रहे हैं और हम पर अपने रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की जिम्मेदारी है।
भारत और चीन एक–दूसरे के लिए अवसर: चीनी राजदूत
चीनी राजदूत ने सम्मेलन में मौजूद युवाओं को भारत और चीन के रिश्तों को समझने का आह्वान करते हुए कहा कि हम एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को चीन और भारत के रिश्ते को महसूस करना चाहिए। दोनों देश एक-दूसरे के लिए अवसरों के द्वार हैं, न कि खतरों के। उन्होंने कहा कि ड्रैगन और हाथी, एक साथ नृत्य कर सकते हैं।
नेपाल ने नक्शा विवाद से जुड़ा विधेयक संसद से वापस लिया
नेपाल में नक्शा विवाद पर प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के रुख को देखते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपना कदम पीछे खींचना पड़ा। नेपाल ने नक्शा विवाद से जुड़ा विधेयक नेपाली संसद से वापस ले लिया है। नक्शे को कानूनी वैधता के लिए संसद में दो तिहाई समर्थन की जरूरत थी। ये माना जा रहा है कि नेपाल ने इस कदम से भारत के साथ बातचीत का रास्ता खुला रखा है। जानकारों का कहना है कि ताजा घटनाक्रम भारत की कूटनीतिक जीत है। लेकिन भारत को सजग रहते हुए इस मुद्दे से निपटना होगा।
नेपाली कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री केपी ओली को इस बात से अवगत कराया था कि इस मामले में उसे कुछ और समय चाहिए। इसके बाद नए नक्शे की मंजूरी के लिए संविधान संशोधन बिल को संसद की कार्यसूची से हटा लिया गया।
गौरतलब है कि भारत ने कालापानी और लिपुलेख को शामिल कर बनाए गए नए नेपाली नक्शे को खारिज कर दिया था। भारत ने कहा था नेपाल बातचीत के लिए उपयुक्त माहौल बनाए। दोनों देशों के बीच रिश्तों में तब तनाव आ गया था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि यह नेपाली सीमा से होकर जाती है।
भारत ने दावा खरिज किया
भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि सड़क पूरी तरह से उसकी सीमा में है। नेपाल सरकार ने पिछले हफ्ते नेपाल का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी किया था जिसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को उसके भू-भाग में दर्शाया गया था। इसपर नाराजगी जताते हुए भारत ने नेपाल से स्पष्ट रूप से कहा था कि वह अपने भूभाग के दावों को अनावश्यक हवा ना दे और मानचित्र के जरिये गैर न्यायोचित दावे करने से बचे।
#WATCH Indian Naval Ship Kesari arrived at the port of Antisiranana at Madagascar today. The ship is carrying medical supplies for Madagascar as part of 'Mission SAGAR': Indian Navy pic.twitter.com/G88TQ7N094
— ANI (@ANI) May 27, 2020
प्रधानमंत्री ओली का बड़बोलापन
नक्शा जारी करने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली लगातार भारत को निशाना बनाने के लिए बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने नेपाल में कोरोना संक्रमण के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराया था। माना जा रहा था कि नेपाल के इस कदम के पीछे चीन की भूमिका हो सकती है। क्योंकि ओली की अगुवाई वाली कम्युनिस्ट पार्टी को चीन का समर्थक माना जाता है। हालांकि नेपाल में बड़ा वर्ग इस विवाद को भारत के साथ बातचीत के जरिये निपटाने के लिए दबाव बना रहा था।
नेपाल के घटनाक्रम पर भारत की नजर
भारत नेपाल के घटनाक्रम पर नजदीकी से नजर बनाए हुए है। नेपाली संसद में नक्शा से जुड़ा संशोधन विधेयक वापस लेने के बाद सरकारी सूत्रों ने कहा, हम नेपाल के घटनाक्रम पर ध्यानपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि सीमा से जुड़े मुद्दे स्वभाव से संवेदनशील हैं और पारस्परिक संतुष्टि के लिए विश्वास और भरोसा जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि हमारे संज्ञान में है कि नेपाल में इस मामले पर एक बड़ी बहस चल रही है। यह इस मुद्दे की गंभीरता को रेखांकित करता है।
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
Idea TV News:- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करें