उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हित में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में भेजने का आदेश दिया है। फिलहाल मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद है और उत्तर प्रदेश सरकार आरोप लगाती रही है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार में उसे संरक्षण दिया जा रहा है। इसी मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हित में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया है।
कौन है मुख्तार अंसारी?
लगातार 5 बार से विधायक, जेल के अंदर से चुनाव जीतता है। जनवरी 2019 से पंजाब की रोपड़ जेल में मुख्तार बंद है। यूपी में 30 FIR, 14 मुकदमे विचाराधीन, मुख्तार के ख़िलाफ़ कुल 40 से ज़्यादा केस। हत्या, फिरौती जैसे संगीन मामले दर्ज, पिछले 14 साल से जेल में बंद है मुख्तार। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्य आरोपी।
मुख्तार को ऐसे ले गई थी पंजाब पुलिस
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश में कई मुकदमे दर्ज हैं। मऊ सदर सीट से विधायक अंसारी यूपी की एक जेल में बंद था और उसके केस का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच पंजाब पुलिस ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया और उसे पंजाब ले गई। बता दें कि गैंगस्टर को लेकर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच जंग छिड़ी हुई थी। मुख्तार ने पहले ही कहा है कि यूपी में मुझे जान का खतरा है।
वहीं, आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर जेल में बंद माफिया डॉन और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था। उन्होंने अपने लिए सुरक्षा की मांग की थी। अपने पत्र में, राय ने कहा था कि उन्होंने 6 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह प्रयागराज में सांसद/विधायक अदालत के सामने अपने भाई अवधेश राय की हत्या से संबंधित एक मामले में अंसारी के खिलाफ गवाह के रूप में उपस्थित होंगे।
उन्होंने कहा कि उनका सुरक्षा कवर वापस ले लिया गया और शस्त्र लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। पूर्व विधायक ने कहा था, मुख्यमंत्री ने मेरे पत्र पर ध्यान नहीं दिया, जबकि 10 प्रतिशत निर्धारित शुल्क पर मुझे दिए गए सुरक्षा कर्मियों को भी वापस ले लिया गया।
I remember with great anguish, 15th Aug 1975 – a dark night for Bangladesh when Father of Nation was assassinated, my mother, 3 brothers, 2 sisters-in-law & 10-year-old brother, uncle were brutally assassinated, & all martyrs who attained martyrdom that night: Bangladesh PM pic.twitter.com/L1Jfop3HOa
— ANI (@ANI) March 26, 2021
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