खय्याम (Khayyam) का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था। लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम के नाम से लोकप्रियता मिली। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर खय्याम (Khayyam) का निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थित सुजॉय अस्पताल में सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे अंतिम सांस ली। वह सांस की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। पिछले एक हफ़्ते से खय्याम आईसीयू में वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
खय्याम (Khayyam) का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था। लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम (Khayyam) के नाम से लोकप्रियता मिली। खय्याम ने ‘कभी-कभी, उमराव जान, बाजार, नूरी, फुटपाथ, गुल बहार, त्रिशूल, फिर सुबह होगी, शोला और शबनम, शगुन, आखिरी खत, खानदान, थोड़ी सी बेवफाई, चंबल की कसम, रजिया सुल्तान जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया था। उन्होंने ‘कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है’, ‘मैं पल दो पल का शायर हूं’ जैसे कालजयी गानों की धुनें बनाईं। 2007 में खय्याम (Khayyam) को संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2011 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया।
सेना की नौकरी छोड़कर मायानगरी आए थे खय्याम
ज्ञात हो कि खय्याम (Khayyam) दूसरे विश्व युद्ध के समय सेना में थे। लेकिन यह नौकरी उनको रास नहीं आई। इसलिए अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद लिए वह मायानगरी बंबई चले गए।
‘कभी कभी’ और ‘उमराव जान’ जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड पा चुके खय्याम ने 1948 में फिल्म हीर रांझा में शर्माजी के तौर पर फिल्मों में संगीत देने की शुरुआत की। उस फिल्म में संगीतकारों की जोड़ी शर्माजी-वर्माजी थी। रहमान वर्मा के पाकिस्तान चले जाने के बाद खय्याम ने फिर अकेले काम शुरू किया। उनकी शुरुआती फिल्म का एक गाना– अकेले में वो घबराते तो होंगे, जिसे मोहम्मद रफ़ी ने आवाज दी, बहुत लोकप्रिय हुआ।
फिल्म ‘फिर सुबह होगी’ से खय्याम (Khayyam) को असल पहचान मिली। इसके गाने साहिर लुधियानवी ने लिखे थे। फिर उनकी फिल्म शोला और शबनम आई, जिसमें गाना था – जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आंखें मुझमें.. जो बहुत पसंद किया गया। फिल्म शगुन में उन्होंने अपनी पत्नी जगजीत कौर से गवाया – तुम अपने रंजो गम अपनी परेशानी मुझे दे दो। यह गाना भी हिट रहा। जगजीत कौर ने ख़य्याम के साथ ‘शगुन’ के अलावा ‘बाज़ार’ और ‘उमराव जान’ में काम भी किया है।
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