एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर कहा कि आज प्रात:बेला में महाशयजी का देवलोकगमन हुआ। आज आर्य जगत के शिरोमणि युग पुरूष अनंत ज्योति में विलिन हो गये। बिंदु से सिंधु की यात्रा के पर्याय वह पुरुषार्थ से परमार्थ का अध्याय वह।
नई दिल्ली। एमडीएच मसाला (MDH Masala) के संस्थापक और इसे घर-घर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) का 98 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। पतंजलि आयुर्वे के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। तिजारावाला ने बताया कि गुरुवार सुबह 5:38 बजे महाशय धरमपाल (Mahashay Dharampal) ने विकासपुरी स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे।
https://twitter.com/tijarawala/status/1334320627243655168
एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर कहा कि आज प्रात:बेला में महाशयजी का देवलोकगमन हुआ। आज आर्य जगत के शिरोमणि युग पुरूष अनंत ज्योति में विलिन हो गये। बिंदु से सिंधु की यात्रा के पर्याय वह पुरुषार्थ से परमार्थ का अध्याय वह।
सबसे अमीर बुजुर्ग
Mahashay Dharmpal of MDH Spices passes away at 98 pic.twitter.com/Ov8aisY8xr
— ANI (@ANI) December 3, 2020
महाशय धरमपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की सूची में शामिल भारत के सबसे बुजुर्ग अमीर शख्स थे। कभी उनके पास कुल जमा पूंजी 1500 रुपये ही थी, लेकिन आज उनकी अपनी दौलत 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। खुद उन्हें सालाना 25 करोड़ रुपये का वेतन मिलता था। 98 वर्षीय गुलाटी का वेतन किसी अन्य एफएमसीजी कंपनी के सीईओ के मुकाबले सबसे अधिक थी। इसके अलावा उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
शरणार्थी के रूप में आए थे भारत
महाशय दी हट्टी (एमडीएच) के मालिक धर्मपाल गुलाटी (Dharampal Gulati) परिवार सहित 1947 में देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत चले आए और दिल्ली में आकर तांगा चलाना शुरू किया। भारत आने के समय उनके पास 1500 रुपये ही बचे थे, जिससे उन्होंने 650 रुपये में घोड़ा और तांगा खरीदकर रेलवे स्टेशन पर चलाना शुरू किया। कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपने भाई को तांगा देकर करोलबाग की अजमल खां रोड पर मसाले बेचना शुरू कर दिया।
India's most inspiring entrepreneur,
MDH owner Dharm Pal Mahashay passed away this morning.
I have never met such an inspiring and lively soul. May his soul rest in peace. pic.twitter.com/SOdiqFyJvX— Manish Sisodia (@msisodia) December 3, 2020
पहली फैक्ट्री 1959 में लगाई
धर्मपाल (Mahashay Dharampal Gulati) के मसाले की दुकान के बारे में जब लोगों को यह पता चला कि सियालकोट के देगी मिर्च वाले अब दिल्ली में हैं, उनका कारोबार फैलता चला गया। गुलाटी परिवार ने मसालों की सबसे पहली फैक्ट्री 1959 में राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर में लगाई थी। इसके बाद उन्होंने करोल बाग में अजमल खां रोड पर ऐसी ही एक और फैक्ट्री लगाई। 60 के दशक में एमडीएच करोल बाग में मसालों की मशहूर दुकान बन चुकी थी।
Dharm Pal ji was very inspiring personality. He dedicated his life for the society. God bless his soul. https://t.co/gORaAi3nD9
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 3, 2020
एमडीएच के कार्यालय लंदन और दुबई में भी
एमडीएच मसालों के सबसे बड़े ब्रांड में से एक है और 50 विभिन्न प्रकार के मसालों का उत्पादन करता है। एमडीएच के कार्यालय न सिर्फ भारत में बल्कि दुबई और लंदन में भी हैं। एमडीएच के 60 से अधिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन सबसे अधिक बिक्री देगी मिर्च, चाट मसाला और चना मसाला का होता है।
सामाजिक कार्यों के एमडीएच का ट्रस्ट भी
एमडीएच सामाजिक कार्यों से भी दूर नहीं है। यह महाशय चुन्नी लाल चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन करता है जो 250 बिस्तरों का एक अस्पताल चलाता है। इसके अलावा यह एक मोबाइल हॉस्पिटल का भी संचालन करता है जो झुग्गी बस्तियों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यह ट्रस्ट चार स्कूल भी चलाता है और जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता भी करता है।
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