Brexit: 47 साल बाद यूरोपीय यूनियन से बाहर हुआ ब्रिटेन

इस समझौते पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Britain Prime Minister Boris Johnson) ने पिछले साल के अंत में ईयू (european union) के 27 अन्य नेताओं के साथ वार्ता के बाद अंतिम रूप दिया था. .

से ब्रेक्जिट समझौते (Brexit) को मंजूरी मिलने के बाद आज ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर हो गया. इस फैसले के साथ ही ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से बाहर होने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस समझौते पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Britain Prime Minister Boris Johnson) ने पिछले साल के अंत में ईयू के 27 अन्य नेताओं के साथ वार्ता के बाद अंतिम रूप दिया था.

गईं, जिसमें कुछ ने देश को आगामी व्यापार वार्ता के दौरान बहुत अधिक रियायतें नहीं मांगने की चेतावनी दी. बता दें कि यूरोपीय संसद में ब्रेक्ज़िट समझौता के पक्ष में 621 मत पड़े थे जबकि खिलाफ में 49 वोट पड़े थे. इसी के साथ ईयू से ब्रिटेन की विदाई को मंज़ूरी दे दी गई थी.

भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा इसका असरइस पर एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो 1,10,000 लोगों को रोजगार देती हैं. इनमें से आधे से अधिक लोग केवल टाटा समूह की ही पांच कंपनियों में काम करते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन की करेंसी पाउंड में गिरावट की आशंका है. ऐसे में जो भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन से अपने कारोबार कर रही हैं. उनके मुनाफे पर इसका असर होगा.

क्या हैं ब्रेक्जिट
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन एक्जिट यानि ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर जाना. यूरोपीय यूनियन में 28 यूरोपीय देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ का निर्माण हुआ था. इसके पीछे सोच थी कि जो देश एक साथ व्यापार करेंगे वो एक दूसरे के खिलाफ युद्ध करने से बचेंगे. यूरोपीय यूनियन की अपनी मुद्रा यूरो है, जिसका 28 में से 19 सदस्य देश इस्तेमाल करते हैं.

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