ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सुधार जारी है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था उस खोई जमीन को कुछ हद तक वापस पाने में सफल रही जो कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन में गंवानी पड़ी थी। हालांकि, यह लॉकडाउन के चरम पर हुए नुकसान के 50 फीसद बराबर का ही सुधार है और अब इसके सामने ब्रेक्जिट से जुड़े नए जोखिम हैं।
होटल, पब , रेस्तरां खुले, विनिर्माण में भी सुधार
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने कहा कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था ने जुलाई में माह दर माह आधार पर 6.6 फीसद की वृद्धि दर्ज की है। कई क्षेत्रों में कामकाज फिर शुरू हुआ है, जो कई महीनों से लॉकडाउन के चलते बंद पड़े थे। उदाहरण के तौर पर आतिथ्य क्षेत्र में आने वाले होटल, पब और रेस्तरां जुलाई की शुरुआत में फिर खुलने शुरू हुए। वहीं भवन निर्माण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सुधार जारी है। यद्यपि औद्योगिक उत्पादन और निर्माण क्षेत्र अभी भी संकट से पहले की स्थिति से नीचे हैं।
लगातार तीसरे महीने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सुधार
जुलाई में आर्थिक वृद्धि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में लगातार तीसरे महीने हो रहे सुधार को दिखाती है। अप्रैल में इसमें 20 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि उसके बाद से इसमें सुधार जारी है। हालांकि, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार फरवरी के स्तर के मुकाबले अब 11.7 फीसद छोटा हो गया है। फरवरी-मार्च के दौरान ही कोरोना वायरस संकट का प्रभाव अपने पूरे भीषण रूप में दिखा था।
फिर से लॉकडाउन प्रतिबंध लगने की संभावना
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सुधार की रफ्तार नरम बनी रहेगी। इसकी वजह हाल में नए वायरस संक्रमण सामने आने और फिर से लॉकडाउन प्रतिबंध लगने की संभावना है। इसके अलावा सरकार की वेतन सहायता योजना के लगभग समाप्ति की ओर जाने और ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चिता के माहौल से भी आर्थिक वृद्धि पर दबाव पड़ने की संभावना है।
अधिकतर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस सबके चलते साल के अंत तक अर्थव्यवस्था का आकार महामारी पूर्व के स्तर से आठ फीसद छोटा रह जाएगा। आईएनजी में अर्थशास्त्री जेम्स स्मिथ ने कहा, ”हमें अगस्त और सितंबर में सुधार की गति धीमी पड़ने की संभावना दिख रही है। वहीं हम सर्दियों के मौसम की तरफ बढ़ रहे हैं तब मैकेनिकल सुधार अपने अंत पर आ जाएगा और बेरोजगारी बढ़ेगी। ब्रिटेन में उसके यूरोपीय संघ से अलग होने (ब्रेक्जिट) के बाद संघ के साथ व्यापार समझौते को लेकर चिंताएं भी विद्यमान हैं।
.@MoHFW_INDIA urges States/UTs to ensure no restriction on movement of #MedicalOxygen between States, emphasises on its uninterrupted supply for managing moderate and severe cases of #COVID19 pic.twitter.com/5GBk2ouBIi
— DD News (@DDNewslive) September 12, 2020
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