लखनऊः नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन में अब राजनीतिक एंगल भी निकल कर सामने आ रहा है. इस हिंसक प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के करीबियों के शामिल होने का खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए लोगों की पहचान में जुट गई है.
हिंसा के मामले में जिन 150 आरोपियों को चिन्हित किया गया है उसमें से आधे दर्जन से अधिक लोग समाजवादी पार्टी (एसपी) के सांसद आजम खान के करीबी बताए जा रहे हैं.
इस बात का खुलासा होने के बाद अब पुलिस 21 दिसंबर को रामपुर में हुए पथराव, आगजनी और हिंसा का षड्यंत्र रचने में राजनैतिक दल की साजिश को लेकर जांच में जुट गई है. हिंसा के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों को लेकर पुलिस ने आशंका जताई है कि इसमें राजनैतिक दल के कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं.
पुलिस अधिकारी का बयान
पुलिस अधिकारी अजय पाल शर्मा ने आरोपियों को लेकर कुछ भी साफ नहीं कहा. हालांकि, उनका इशारा आजम खान और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर था. इशारे-इशारों में ही उन्होंने कहा कि रामपुर में हुए उपद्रव में लगभग आधा दर्जन लोग एक राजनैतिक दल विशेष के कार्यकर्ता हैं.
रामपुर में 21 दिसंबर को उलेमाओं ने सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी. रामपुर प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद भी उलेमाओं ने अपने इस प्रदर्शन के लिए लोगों को सड़कों पर बुला लिया था.
‘प्रदर्शनकारियों ने की थी आगजनी’
21 दिसंबर को रामपुर में उमड़ी भीड़ ने सड़कों पर लगी बेरीकेटिंग को तोड़ दिया. पुलिस पर पत्थरबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की थी. हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी. इस दौरान एक युवक की मौत गोली लगने से हो गई.
पुलिस ने चौराहे पर लगी सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर रही है. फिलहाल पुलिस घटना स्थल पर राजनैतिक दलों की मौजूदगी और इसके पीछे की वजह को जानने में जुट गई है.
बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जारी विरोध प्रदर्शन और इस दौरान हुए हिंसक घटनाओं को लेकर पुलिस सख्त हो गई है. पुलिस ने हिंसा करने वाले कथित तौर 150 लोगों को चिन्हित किया है.