पद्मावती को CBFC की ओर से क्लियरेंस मिलने की खबर पर प्रसून जोशी का आधिकारिक बयान सामने आ गया है. उन्होंने आजतक को बताया कि पद्मावती में सेंसर की ओर से किसी भी तरह के कट लगाने की सलाह नहीं दी गई है. मीडिया में इससे जुड़ी खबरें भ्रामक हैं.
बता दें कि पद्मावती की समीक्षा के लिए सेंसर ने पैनल का गठन किया था. समीक्षा के बाद 28 दिसंबर को एक मीटिंग में कुछ बदलाव के साथ सेंसर फिल्म रिलीज करने पर राजी है. आजतक को सूत्रों ने बताया कि पैनल की तीन बड़ी आपत्तियों (फिल्म का टाइटल, घूमर डांस और डिस्क्लेमर) पर निर्माता बदलाव को तैयार हैं. इस बदलाव के बाद सेंसर बोर्ड फिल्म को UA सर्टिफिकेट देगा.
प्रसून जोशी ने शनिवार को इन पांच सवालों के जवाब दिए
1. क्या फिल्म में कई कट्स लगाए जा रहे हैं जैसा कि कुछ मीडिया हाउस का कहना है?
प्रसून : गलत. सेंसर बोर्ड ने कोई भी कट लगाने का सुझाव नहीं दिया है. सिर्फ 5 बदलाव सुझाए हैं. जो इस तरह हैं-
a). डिस्क्लेमर को बदलना जो कि फिल्म के ऐतिहासिक तथ्यों का सही होने का दावा नहीं करता.
b). विचार विमर्श के बाद फिल्म के टाइटल को ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ करना, जिससे ये साफ हो सके कि निर्माताओं की फिल्म की रचना महाकाव्य ‘पद्मावत’ पर आधारित है.
c). फिल्म के गाने घूमर में चरित्र के मुताबिक जरूरी बदलाव किए जाएं.
d). फिल्म में गलत, भ्रामक संदर्भ और ऐतिहासकि जगहों के नाम बदले जाएं.
e). फिल्म में एक डिस्क्लेमर शामिल किया जाए जो साफतौर से बताए कि ‘जौहर’ का महिमा मंडन नहीं किया जा रहा है.
2. क्या इन बदलावों पर फिल्म के निर्माता राजी हैं?
3. CBFC ने कब देखी फिल्म?
प्रसून : 28 दिसंबर की शाम फिल्म देखी गई, जहां एग्जामिनिंग कमेटी, स्पेशल पैनल के साथ मैं मौजूद था. स्क्रीनिंग के बाद मेकर्स के साथ मुलाकात भी की गई और लंबी चर्चा हुई.
4. इस तरह का स्पेशल पैनल क्यों?
प्रसून : फिल्म को लेकर बने माहौल और जटिलताओं को देखते हुए इस तरह के पैनल की जरूरत पड़ी ताकि सेंसर बोर्ड अंतिम फैसले से पहले तमाम पहलुओं पर अच्छी तरह से सोच-विचार सके.
मीटिंग में कौन-कौन शामिल था?
मीटिंग में CBFC चीफ प्रसून जोशी, उदयपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़, जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ चंद्रमणी सिंह और प्रोफेसर के.के. सिंह शामिल थे. पैनल के सदस्यों ने पद्मावती से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं और कई पहलुओं पर दावों के साथ सुझाव दिए.
क्या है पद्मावती पर जारी विवाद
फिल्म को लेकर लंबे समय से हंगामा है. आरोप है कि भंसाली ने पद्मावती के व्यक्तित्व को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. आरोप है कि फिल्म में रानी पद्मावती और खिलजी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है. हालांकि भंसाली खुद इस बात को खारिज कर चुके हैं. बाद में एक बयान में उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी फिल्म मालिक मोहम्मद जायसी की पद्मावत पर आधारित है.
विवाद की वजह से 12 दिसंबर को प्रस्तावित फिल्म सेंसर में अटक गई और इसकी रिलीज डेट टालनी पड़ी. भंसाली को संसदीय कमेटी के सामने भी पेश होना पड़ा, जहां वो कई सवालों का जवाब नहीं डे पाए. चर्चा है कि अगर फिल्म अगले साल रिलीज हो सकती है. हालांकि अभी सेंसर को इसे पास करना है. पद्मावती को लेकर विवाद भी शांत नहीं हुए हैं. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण पद्मावती की भूमिका जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी और शाहिद राज रतन सिंह रावल के किरदार में नजर आएंगे.
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