उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाथरस कांड में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीएम योगी के आदेश के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसके बाद हुई उसकी मौत के मामले की जांच पहले से ही एसआईटी कर रही है। राज्य सरकार ने इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का फैसला लिया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने अब इस केस को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हैवानियत की घटना सामने आई थी। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा में मामला दर्ज कर लिया था। चारों आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं। घटना के बाद पीड़िता कई दिनों तक बेसुधी के हालत में रही। तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां पर मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद पीड़िता के शव को लेकर परिजन उसी दिन हाथरस चले गए। यहां पर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि हमें अंतिम समय में अपनी बच्ची को देखने नहीं दिया गया और प्रशासन ने पुलिसिया पहरेदारी में रात 2.30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया। गैंगरेप और पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन रात में अंतिम संस्कार किए जाने की घटना के बाद और तेज हो गया।
विरोध बढ़ता देख सरकार ने एसआईटी जांच बिठा दी। शुक्रवार की शाम चार बजे तीन सदस्यीय एसआईटी ने मामले में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। शुरुआती जांच में लापरवाही पाए जाने के बाद यूपी सरकार ने हाथरस पुलिस अधीक्षक, डीएमसपी, इलाके के इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अब सरकार ने मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है।
#HathrasCase: Uttar Pradesh Chief Minister #YogiAdityanath recommends CBI probe pic.twitter.com/Ke5yBq5gkM
— DD News (@DDNewslive) October 3, 2020
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