एन. चंद्रबाबू नायडू को हाल के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शर्मनाक हार मिली है.
नई दिल्ली. तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार राज्यसभा सदस्यों के दलबदल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब आंध्र प्रदेश में तेदेपा के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के संपर्क में है, जो जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं. आंध्र प्रदेश के राज्य प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कहा कि तेदेपा सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं और पार्टी का गढ़ ढहता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि तेदेपा के कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं, लेकिन उन्होंने संख्या साझा करने से इनकार कर दिया.
देवधर ने कहा कि तेदेपा अब एक ऐसी पार्टी है जिसका कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि नायडू का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है. देवधर, त्रिपुरा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के मुख्य रणनीतिकार रहे हैं. देवधर ने कहा, “कैश-फॉर-वोट घोटाले से लेकर विभिन्न विवादास्पद सरकारी अनुबंधों के उनकी (तेदेपा) सरकार द्वारा दिए जाने से नायडू गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं. यही वजह है कि अधिकांश विधायक, यहां तक कि उनके करीबी सहयोगी भी पार्टी को छोड़ रहे हैं. राज्यसभा के चार सांसद पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं और अब अन्य नेता हमसे संपर्क कर रहे हैं.”
हालांकि, देवधर ने यह नहीं बताया कि तेदेपा के कितने सांसद उनके संपर्क में हैं. लेकिन पार्टी के सूत्रों ने खुलासा किया है कि तेदेपा के 16 से 17 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और नायडू को छोड़ सकते हैं. इस समय आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा में तेदेपा के सिर्फ 23 विधायक हैं. भाजपा के संपर्क में रहने वाले तेदेपा विधायकों की संख्या दो तिहाई से अधिक है, जो दलबदल रोधी कानूनों के तहत जरूरी है. बीते हफ्ते के शुरुआत में तेदेपा के चार राज्यसभा सदस्यों का दलबदल नायडू के लिए एक झटका था. नायडू को हाल के आम चुनावों में शर्मनाक हार मिली है. सूत्रों ने कहा कि तेदेपा अध्यक्ष नायडू अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा पर थे, जब राज्यसभा के सदस्यों ने दलबदल की.
नायडू के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि वह वर्तमान मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. रेड्डी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि गंभीर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में तेदेपा नेतृत्व के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी. देवधर ने कहा, “देखते हैं कि (जगन के आश्वासन का) क्या नतीजा होता है. अगर सीबीआई जांच की सिफारिश करने में जगन द्वारा देरी की जाती है तब भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाएंगे, जो नायडू व उनके परिवार से जुड़ा है. हम जानते हैं कि नई राजधानी अमरावती को बनाने में बहुत सी वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं. कैश-फॉर-वोट घोटाला, जिसमें नायडू का एक ऑडियो रिकॉर्ड है, वह एक प्रत्यक्ष घटना है. इसी तरह के मामले (नायडू) के खिलाफ हैं.”
सुनील देवधर त्रिपुरा के राज्य प्रभारी हैं. उन्होंने कहा, “मुझे स्पष्ट करने दीजिए, नायडू के लिए पार्टी खत्म हो गई.” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रहे सुनील देवधर को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ ही महीने पहले आंध्र प्रदेश का प्रभारी बनाया है. त्रिपुरा प्रभारी रहने के दौरान देवधर ने वाम पार्टियों के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान शुरू किया था और चार बार के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा.