मेलबर्न : ऊर्जा क्षेत्र के भारतीय कारोबारी अडाणी की ऑस्ट्रेलिया में विवादों में घिरी कारमाइकल कोयला खनन परियोजना की राह में एक बार फिर अड़चन पैदा हो गयी है. मीडिया खबरों के मुताबिक चीन के दो सरकारी बेंकों ने कहा है कि उद्यम को वित्तीय मदद मुहैया कराने की उसकी कोई योजना नहीं है. कारमाइकल कोयला खनन परियोजना पर संघीय और क्वींसलैंड राज्य सरकार द्वारा हरी झंडी के बाद निर्माण कार्य शुरू होना है. दुनिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में एक इस खनन परियोजना में 16.5 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव है. अडाणी समूह क्वींसलैंड में अपने प्रस्तावित खनन परियोजना के पहले चरण के लिए मार्च 2018 तक दो अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का कर्ज चाहता है.
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के मुताबिक इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) ने एक बयान में कहा है कि क्वींसलैंड में अडाणी की प्रस्वावित खदान के लिए कर्ज देने की उसकी कोई मंशा नहीं है. आईसीबीसी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, ‘आईसीबीसी इस परियोजना के लिए वित्त की व्यवस्था में शामिल नहीं रहा है और ना ही इस तरह का इरादा है.’ इसमें कहा गया, ‘आईसीबीसी अपनी सामाजिक दायित्वों को बड़ा महत्व देता है और हरित कार्यों के लिये वित्तपोषण में दिलचस्पी रखता है.’
खबर के मुताबिक, कोयले का जिक्र नहीं करते हुए आईसीबीसी ने कहा कि नवीन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वह ऑस्ट्रेलिया में वित्तीय मदद मुहैया कराता रहा है, इससे पहले चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक ने भी परियोजना को वित्तीय मदद से इंकार करते हुए कहा था, ‘अडाणी कारमाइकल खान परियोजना में शामिल नहीं है और ना ही इसमें भागीदारी करने का इच्छुक है.’
मीडिया में आई इन नई खबरों के संबंध में अडाणी समूह से फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. पिछले महीने लेबर पार्टी नेतृत्व वाली क्वींसलैंड सरकार ने कहा था कि परियोजना को वित्तीय सहायता नहीं प्रदान करने के लिए वह वीटो का इस्तेमाल करेगा. इस परियोजना पर पर्यावरणविदों और कुछ जातीय समूहों ने विरोध जताया है.