लद्दाख में चीन की हर भाषा का जवाब भारत ने दिया है और अब इस कपटी चीन की दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर ड्रैगन की घेराबंदी करने की पूरी तैयारी कर ली है.
नई दिल्ली: सामरिक और आर्थिक ताकत के गुमान में चूर चीन अपने पड़ोसी देशों को डरा धमकाकर अपनी विस्तारवादी नीति को बढ़ाने में लगा है, मगर ड्रैगन की धोखेबाजी और चालपट्टी से वाकिफ भारत उसे अच्छी तरह से समझा चुका है कि अब उसकी यह दादागिरी नहीं चलने वाली है. लद्दाख में चीन की हर भाषा का जवाब भारत ने दिया है और अब इस कपटी चीन की दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर ड्रैगन की घेराबंदी करने की पूरी तैयारी कर ली है.
भारत ने चीन को एक सख्त संदेश देते हुए मालाबार युद्धाभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है. अब चार सदस्यीय गठबंधन (क्वॉड) में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया भी अमेरिका और जापान के साथ इस महा अभ्यास में शामिल होगा. इस वार्षिक युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी सहमत हो गया है. भारत-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट से लेकर अमेरिका तक देखा जाता है. लद्दाख में चीन और भारत में टकराव के बीच यह पहली बार है कि सभी ‘क्वॉड’ देश (एक अनौपचारिक सुरक्षा मंच, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं) अगले महीने निर्धारित मालाबार अभ्यास का हिस्सा होंगे.
मालाबार श्रृंखला में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी की पुष्टि करते हुए भारतीय रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘भारत समुद्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की पृष्ठभूमि में मालाबार-2020 नौसेना युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी देखने को मिलेगी.’ बताते चलें कि मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी.
जापान वर्ष 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना था. यह वार्षिक अभ्यास 2018 में जापान के तट से 2018 में फिलीपींस सागर में गुआम के तट पर आयोजित किया गया और इस साल के अंत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में इसके आयोजित होने की उम्मीद है. अभ्यास में भाग लेने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय को मजबूत किया जाएगा. इस अभ्यास में भाग लेने वाले देश समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा क्षेत्र में मजबूती बढ़ाने में संलग्न हैं. मंत्रालय ने कहा, ‘वे इंडो-पैसिफिक को सामूहिक रूप से स्वतंत्र, खुले और समावेशी समर्थन का समर्थन करते हैं और एक नियम के तहत प्रतिबद्ध हैं.’
इस साल की शुरुआत में भारतीय नौसेना ने रूस और क्वॉड देशों के साथ अभ्यास किया था. भारतीय नौसेना ने 26 सितंबर 2020 से 28 सितंबर 2020 तक उत्तरी अरब सागर में जापान के साथ तीन दिवसीय द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास किया था. यह भारत-जापान समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण था, जो द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है. ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और भारतीय नौसेना ने 23 और 24 सितंबर को पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में एक अभ्यास किया था.
#Malabar series of Naval exercise 2020 is expected to be held in the Bay of Bengal and the Arabian Sea later this year.
(1/2) #Malabar2020 #MalabarExercise pic.twitter.com/Bj8C113I6U
— DD News (@DDNewslive) October 19, 2020
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