चीन-भारत: रंगीन टीवी के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में डालने पर

भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि रंगीन टेलीविजन सेटों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के कदम से देश में घरेलू विनिर्माण और असेंबलिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्‍ली। भारतीय बाजार से चीनी कंपनियों को बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने अब एक नया कदम उठाया है। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने यह आरोप लगाया है। चीनी एप्‍स और कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स को बैन करने के बाद अब भारत सरकार ने रंगीन टीवी के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया है। इसके बाद अब टीवी का आयात करने के ल‍िए डीजीएफटी से लाइसेेंस लेेेेना होगा। भारत के इस कदम सेे चीन त‍िलम‍िलाया हुआ हैैै।

भारत में आयात होने वाले 36 प्रतिशत से अधिक रंगीन टीवी चीन और साउथईस्‍ट एशिया से आते हैं। भारत में रंगीन टीवी आयात करने के लिए चीन एक महत्‍वपूर्ण निर्यातक है। हालांकि चीनी टीवी निर्माताओं का कहना है कि अभी तक उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है और न ही अभी इस ऑर्डर के बारे में उन्‍हें कुछ पता है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार के इस कदम का मुख्‍य मकसद देश में चीनी टीवी के आयात पर रोक लगाना है।

वहीं दूसरी और भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि रंगीन टेलीविजन सेटों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के कदम से देश में घरेलू विनिर्माण और असेंबलिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सोनी, एलजी, पैनासोनिक, थॉमसन जैसे ब्रांडों और डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसे अनुबंध निर्माताओं का कहना है कि यह प्रतिबंध स्थानीय विनिर्माण के लिए गति उत्पन्न करेगा तथा घरेलू उद्योग के लिए अवसर पैदा करेगा। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन सुनील वाचानी ने कहा कि भारत न सिर्फ भारतीय बाजारों के लिए, बल्कि वैश्विक बाजार के लिए भी टीवी के निर्माण का अगला केंद्र बन सकता है। यह कदम निश्चित रूप से सही दिशा में है और हमें वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगा, जो हम बनना चाहते हैं। यह उत्पादों के विनिर्माण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी मदद करेगा।

भारतीय टीवी बाजार में प्रति वर्ष लगभग 160  से 170 लाख यूनिट की मांग है, इनमें से करीब 30  प्रतिशत चीन, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों से आयात किए जाते हैं। यह आयात, स्थानीय उत्पादन के सात हजार करोड़ रुपए के बराबर है। पैनासोनिक इंडिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को अब भारत में असेंबल होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले टीवी सेट मिलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से घरेलू असेंबलिंग पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। अग्रणी ब्रांडों के पास पहले से ही देश में विनिर्माण और असेंबलिंग इकाइयां हैं। इसलिये, यह हमें प्रभावित नहीं करने वाला है।

उद्योग निकाय कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायन्सेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) ने कहा कि पूरी तरह से निर्मित टीवी के आयात को प्रतिबंधित सूची में डालने का कदम घरेलू विनिर्माण को समर्थन देगा। सिएमा के अध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि यह सभी आकार के टीवी के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करेगा और इस क्षेत्र में अधिक निवेश वअधिक रोजगार सृजन का समर्थन करेगा। सरकार ने रंगीन टेलीविजन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है और चीन जैसे देशों से गैर-जरूरी वस्तुओं की आवक को कम करना है। दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी एलजी के अनुसार, इस कदम से भारत में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और यह आत्मनिर्भर भारत के लिए बढ़ाया गया एक कदम है।

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