एयर चीफ मार्शल भदौरिया के बयान से कांप उठा चीन,पाकिस्‍तान को भी बताई औकात

नई दिल्‍ली: एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए बहुत अच्छी तरह से तैनात है और सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में बहुत मजबूत तैनाती की गई है।

8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि चीनी वायु शक्ति भारत की क्षमताओं से बेहतर नहीं हो सकती है, लेकिन साथ ही साथ उन्‍होंने यह भी जोड़ा कि प्रतिकूल परिस्थितियों को कम करके आंकने का कोई सवाल ही नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ युद्ध से निपटने के लिए तैयार है। पूर्वी लद्दाख में स्थिति और क्षेत्र में चीन से संभावित खतरे के बारे में पूछने पर IAF प्रमुख ने कहा, “आश्वस्त रहें कि हमने किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए दृढ़ता से तैनात किया है। हमने सभी संबंधित क्षेत्रों में तैनाती की है। लद्दाख एक छोटा हिस्सा है।”

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि आईएएफ उत्तरी सीमा पर किसी भी कार्रवाई से निपटने के लिए बहुत अच्छी तरह से तैनात है। उन्होंने कहा कि राफेल जेट्स के इंडक्शन ने हमें ऑपरेशनल एज दी है।

भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में पांच महीने लंबे समय से विवाद में बंद हैं, जिसने दोनों देशों के संबंधों को काफी प्रभावित किया है। दोनों पक्षों ने पंक्ति को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य वार्ता की आयोजित की है। हालांकि, गतिरोध को समाप्त करने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

दोनों देशों की सेनाओं के बीच 12 अक्टूबर को वार्ता के एक नए दौर की बातचीत होनी है, जिसमें तनाव वाले बिंदुओं से सैनिकों के विस्थापन के लिए एक रोडमैप तैयार करने का एक विशिष्ट एजेंडा है।

भारत ने किसी भी घटना से निपटने के लिए पहले ही उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी है। भारतीय वायुसेना ने पहले ही अपने सभी सीमावर्ती लड़ाकू जेट जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमान पूर्वी लद्दाख में प्रमुख सीमावर्ती हवाई अड्डों और वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ तैनात किए हैं।

पांच राफेल जेट के नए शामिल बेड़े ने पूर्वी लद्दाख में की है। भारतीय वायुसेना भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के समय के हवाई पेट्रोलिंग कर रही है, जिससे चीन को यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि वह पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार है।

21 सितंबर को सैन्य वार्ता के अंतिम दौर के बाद दोनों सेनाओं ने फ्रंटलाइन पर अधिक सैनिकों को नहीं भेजने, एकतरफा रूप से जमीन पर स्थिति को बदलने से परहेज करने और ऐसे मामलों को आगे ले जाने से बचने के लिए सहित कई फैसलों की घोषणा की है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच 10 सितंबर को मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पांच-सूत्रीय समझौते को लागू करने के तरीकों की खोज के विशिष्ट एजेंडे के साथ सैन्य वार्ता हुई थी।

संधि में सैनिकों के तुरंत पीछे हटने, कार्रवाई से बचने के उपाय, तनाव को बढ़ाने से रोकने, सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने व एलएसी के साथ शांति बहाल करने के कदम शामिल थे।

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