वैश्विक दबाव और भारत की दृढ़ता की वजह से चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई हिंसा वाली जगह से 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं.
Chinese army moving back tents, vehicles and troops; Indian Army monitoring the situation: Reports
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— DD News (@DDNewslive) July 6, 2020
नई दिल्ली: अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कूटनीति और चीन के खिलाफ अटल और ‘जैसे को तैसा’ वाला रवैया रंग लाया. 15 जून को गलवान घाटी (Galwan Valley) में हिंसक झड़प के बाद लगातार फुफकार रहा ड्रैगन अपने कदम पीछे हटाने को विवश हो गया है. वैश्विक दबाव और भारत की दृढ़ता की वजह से चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई हिंसा वाली जगह से 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं. अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है.
एलएसी पर आमने-सामने डटी थीं दोनों सेनाएं
15 जून की हिंसक झड़प के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे, जो भारत के मुताबिक एलएसी है. भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांचे तैयार कर लिए थे. दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं. इस बीच स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सैन्य स्तर की कई राउंड बातचीत हो चुकी थी. 30 जून को कमांडर स्तर की बातचीत के बाद चीनी सेना पीछे हटने को राजी हो गई थीं.
सर्वेक्षण में चीनी सेना के पीछे हटने की पुष्टि
चीन के इस वादे पर रविवार को एक सर्वे किया गया. अधिकारी ने बताया, ‘चीनी सैनिक हिंसक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं. अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं.’ अधिकारी के मुताबिक चीनी सेना की पोजीशन में बदलाव को जांचने के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं. छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है.
सेना जवाब देने को तैयार
15 जून की हिंसक झड़प के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है.
He did a press conference in 1953 and said – 'If in a 35-crore country, 4 crore Muslims can live happily, why can't 25 lakh Muslims of J&K live happily? Can we not live with them together? I would revolt against this 'Permit Raj' & I'd hoist the Indian flag there.': Shri @JPNadda pic.twitter.com/GlTGeeFBQY
— BJP LIVE (@BJPLive) July 6, 2020
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