पटना: बिहार में अगर आप किसी को सलाह देंगे तो आप पर चप्पल से प्रहार हो सकता है. यह खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है. उन्होंने कहा कि यहां किसी को अच्छी सलाह दो तो चप्पल पड़ने का डर है, इसलिए राज्य सरकार ने एक सुझाव जारी किया है कि अगर आप हवन करते हैं, तो पानी का भी इंतजाम कर लें. नीतीश ने खुद के साथ घटी एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार सलाह देने पर उल्टा उनके ऊपर ही चप्पल चल गया था, लेकिन उन्होंने उस दाग लगे कुर्ते को संभाल कर रखा है. बता दें कि नीतीश सोमवार को राज्य आपदा प्रबंधन के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि चप्पल के दाग लगे कुर्ते को उन्होंने संभाल कर रखा है और जब भी राज्य आपदा का अपना भवन बनेगा, तब उस कुर्ते को डिस्प्ले में रखा जाएगा. ताकि याद रहे कि सही विचार देने पर भी क्या हश्र होता है. नीतीश ने यह भी कहा कि जब आप सरकार में होते हैं तब सब कुछ झेलना पड़ता है. नीतीश ने इस साल के बाढ़ की विभीषिका की चर्चा करते हुए कहा कि पहली बार राज्य में 38 लाख प्रभावित परिवारों को छह हजार रुपए उनके खाते में (आरटीजीएस) के माध्यम से ट्रान्सफर किया गया है. उन्होंने कहा कि पहले बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री और पैसा उनसे कमिशन लेकर दिया जाता था. कइयों के पैसे बैंक में ही रह जाते थे.
राज्य में मानव सृजित आपदा और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिये नीतीश ने कहा कि लोगों के बीच जागरुकता पैदा कर इनके प्रभाव से बचा जा सकता है. नीतीश ने कहा कि भूकम्प से किसी की मृत्यु नहीं होती, बल्कि घर गिरने से उसमें दब जाने से लोगों की मौत होती है. इसलिए भूकम्परोधी घर बनाया जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में बिहार पूरे देश में एक मानक स्थापित करेगा.