पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि फिल्मकारों की ओर से स्पष्टीकरण जारी किए जाने तक वह ‘पद्मावती’ की रिलीज की अनुमति देने के पक्ष में नहीं हैं . इस बीच, एक संसदीय समिति ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली को आमंत्रित किया ताकि वह ‘पद्मावती’ के मुद्दे पर हो रहे विवाद पर अपना नजरिया जाहिर कर सकें . पटना में नीतीश उन मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गए जिन्होंने बड़े विवाद में फंसी इस फिल्म पर अपनी राय रखी है .
नीतीश ने पत्रकारों को बताया, ‘‘मैं तब तक फिल्म की रिलीज के पक्ष में नहीं हूं जब तक इसके निर्माता, निर्देशक और इससे जुड़े सभी लोग स्पष्टीकरण देकर विवाद पर विराम नहीं लगा देते .’’ उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कैसा स्पष्टीकरण चाहते हैं .
इस बीच, सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने इस मुद्दे पर गौर किया है और भंसाली, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को आमंत्रित किया है ताकि वे अपना पक्ष रख सकें .
संसदीय समिति के प्रमुख अनुराग ठाकुर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘समिति ने भंसाली को आमंत्रित किया है ताकि इस विवाद पर उनकी राय जानी जा सके .’’ यह बैठक गुरूवार को होने की संभावना है .
इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने आज जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की ओर से फिल्म पर की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और कहा कि उनकी टिप्पणियां पहले से ही फैसला करने वाली लगती हैं जबकि सेंसर बोर्ड ने अब तक फिल्म को प्रमाणित नहीं किया है .
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष विचार के लिए कोई मामला लंबित है तो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग यह टिप्पणी कैसे कर सकते हैं कि सीबीएफसी को प्रमाण-पत्र जारी करना चाहिए कि नहीं . इससे सीबीएफसी का फैसला पूर्वाग्रह से प्रभावित होगा .’’ पीठ ने सीबीएफसी से कहा कि वह ‘‘पूरी वस्तुनिष्ठता’’ के साथ फैसले के प्रमाणीकरण पर फैसला करे.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात की भाजपा सरकारों ने या तो फिल्म पर पाबंदी लगाने या फिल्म से ‘‘आपत्तिजनक चीजें’’ हटाने की मांग रखी है .
इस बीच, फिल्म उद्योग में ‘पद्मावती’ को समर्थन मिलना जारी है . कोलकाता में बंगाली फिल्म उद्योग ने फिल्मकारों के समर्थन में 15 मिनट का ‘‘ब्लैकआउट’’ किया .
ईस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर डायरेक्टर्स असोसिएशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि सभी अभिनेताओं, तकनीशियनों, निर्देशकों एवं निर्माण इकाई के सदस्यों ने दोपहर 12 बजे स्टूडियो से बाहर आकर अपना विरोध दर्ज कराया .