भारतीय कप्तान विराट कोहली के बाद मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी 4-डे टेस्ट के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने सीएनएन न्यूज-18 को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘4 दिवसीय टेस्ट का प्रस्ताव बकवास है। अगर इस पर अमल हुआ तो भविष्य में वनडे की तर्ज पर सीमित ओवरों के टेस्ट होंगे। पांच दिवसीय टेस्ट में बदलाव की जरूरत नहीं है। अगर आईसीसी इसमें छेड़छाड़ करना भी चाहती है, तो टेस्ट खेलने वाली टॉप-6 टीमों को इससे बाहर रखना चाहिए। इन्हें पांच दिवसीय टेस्ट खेलने देने चाहिए जबकि रैंकिंग में नीचे की 6 टीमें 4-डे टेस्ट खेल सकती हैं।’’
भारतीय कोच ने डे-नाइट टेस्ट को लेकर कहा कि अभी शुरुआत हुई। आईसीसी को इसके लिए उपयुक्त गेंद लानी चाहिए। मुझे लगता है कि पिंक बॉल फिरकी गेंदबाजों को मदद नहीं देती। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को पहले इसमें सुधार करना चाहिए। डे-नाइट टेस्ट अभी भी जांच की प्रक्रिया से गुजर रहा है।
टेस्ट में खिलाड़ी की मानसिक मजबूती की परीक्षा होती है : मिकी आर्थर
श्रीलंका के कोच मिकी आर्थर भी शास्त्री के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उन्होंने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
आर्थर ने कहा, ‘‘खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि इसमें मानसिक, शारीरिक और तकनीकी तौर पर खिलाड़ी की काबिलियत की असल परीक्षा होती है। खासतौर पर जब नतीजे आखिरी दिन आते हैं।’’
मौजूदा और पू्र्व खिलाड़ी 4-डे टेस्ट का विरोध जता चुके
चार-दिवसीय टेस्ट को लेकर क्रिकेट बिरादरी बंटी नजर आ रही है। कई मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी आईसीसी के इस प्रस्ताव का विरोध कर चुके हैं। इसमें सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, शोएब अख्तर, रिकी पॉन्टिंग, ग्लेन मैक्ग्राथ, जस्टिन लेंगर और इयान बॉथम शामिल हैं। ये सभी इस बदलाव को लेकर अपनी नाखुशी जता चुके हैं।
आईसीसी ने रखा था प्रस्ताव
इससे पहले आईसीसी ने 30 दिसंबर को ये प्रस्ताव रखा था कि पांच दिन के टेस्ट को चार दिन का कर दिया जाए। इससे कैलेंडर ईयर में सीमित ओवरों के मैच के लिए ज्यादा समय मिलेगा। आईसीसी इसे 2023-31 के फ्यूचर टूर प्लान में शामिल करना चाहता है।