संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। विपक्षी दल जहां आर्थिक सुस्ती और कश्मीर में स्थिति को लेकर केंद्र को घेरने की तैयारी में हैं वहीं, सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत तमाम बिल पारित कराना चाहेगी। इसे लेकर गर्मागर्म बहस होने के आसार हैं। संसद का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।
विपक्ष के साथ काम करेंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लंबित मुद्दों के सकारात्मक ढंग से समाधान और प्रदूषण, अर्थव्यवस्था व किसानों से जुड़े मसलों पर सभी दलों के साथ मिलकर काम करेंगे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद प्रधानमंत्री के इस आश्वासन से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि सदन में बात जब बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और किसानों की स्थिति की होती है तो तब सरकार अलग रुख अपनाती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आर्थिक सुस्ती एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगा।
Had a very good NDA meeting. Our alliance represents India’s diversity and the aspirations of 130 crore Indians. Together, we will leave no stone unturned in ushering a qualitative change in the lives of our farmers, youngsters, Nari Shakti and the poorest of the poor. pic.twitter.com/Mm8Rc5kkaO
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2019
फारुख-चिदंबरम को मौका मिले:
सर्वदलीय बैठक में गुलाम नबी आजाद सहित तमाम विपक्षी नेताओं ने जम्मू कश्मीर में फारूख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाया। साथ ही मांग की कि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को भी संसद में उपस्थित होने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे सांसदों को सदन में शामिल होने का मौका दिया गया है।
अध्यादेश कानून में बदलेंगे: सरकार सत्र में दो अहम अध्यादेशों को कानून का रूप देने की कोशिश करेगी। आयकर अधिनियम, 1961 व वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने को सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई एवं घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना व विकास को बढ़ावा देना है। दूसरे अध्यादेश में ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, लोजपा के चिराग पासवान और सपा से राम गोपाल यादव समेत कई नेता मौजूद थे।
नागरिकता संशोधन बिल
सरकार जिस नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराना चाहती है उसका मकसद पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है। विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए जाने के कारण पलायन करने वाले हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल का विरोध हो रहा है, जहां अधिकतर हिंदू प्रवासी रह रहे हैं।
निजी डाटा सुरक्षा बिल
भारत के पास जल्द ही निजी डाटा की सुरक्षा पर कानून होगा। संसद सत्र में सरकार कानून बनाने के लिए विधेयक ला सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि सरकार संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2018 पेश करने की योजना बना रही है। हाल फिलहाल में उपयोगकर्ताओं के निजी जानकारी एकत्र करने के कई मामले सामने आए। इसमें व्हाट्सएप डेटा सुरक्षा और गोपनीयता भंग होने जैसे मामले भी शामिल थे।
विपक्ष की रणनीति
सरकार पिछले सत्र में विरोधी दलों के कई नेताओं को अपने पाले में कर तमाम विधेयक पारित करा लिया था। हालांकि, विधानसभा चुनावों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन, शिवसेना के साथ भाजपा का संबंध टूटना और आर्थिक सुस्ती पर रिपोर्ट ने उसे बड़ा मौका दे दिया है। शिवसेना के 18 सांसद भी सरकार को घेरने में उसकी मदद करेंगे।
भाजपा भी तैयार
पिछले कार्यकाल में राज्यसभा में विपक्ष का बहुमत होने के कारण सरकार को विधेयक पारित कराने में मुश्किल आई थी। लेकिन इस बार भाजपा अपने विधायी एजेंडे पर संसद की मंजूरी को लेकर आश्वस्त दिख रही है। अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने भाजपा का मनोबल बढ़ाया है।
ऐतिहासिक था पिछला सत्र
पिछले संसद सत्र में सरकार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 के प्रावधान हटाने, तीन तलाक, एनआईए को और अधिक शक्ति देने जैसे कई अहम विधेयक पारित कराने में सफल रही थी। 1952 के बाद से सत्र में सबसे अधिक कामकाज हुआ था और 35 विधेयक पारित किए गए। राज्यसभा में कुल 32 विधेयक पारित हुए।