न्यूयॉर्क. अमेरिका में कोरोनावायरस से अब तक 11 हजार मौतें हो चुकी हैं। इनमें 4,758 मौतें अकेले न्यूयॉर्क राज्य में हो चुकी हैं। यहां के न्यूयॉर्क सिटी में शवों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह नहीं बची है। अधिकारी शवों को सार्वजनिक जगहों पर अस्थायी तौर पर दफनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। जब स्थिति बेहतर होगी तो शवों को परिवार वालों की इच्छा के मुताबिक सही जगह दफनाएंगे। दूसरी तरफ, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में खराब स्थिति का ठीकरा अब डब्ल्यूएचओ के सिर पर फोड़ा है। ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘असल में डब्ल्यूएचओ ने झटका दिया है। किसी भी वजह से, हम इस संस्था को सबसे अधिक पैसा देते हैं। पर इसका रवैया चीन केंद्रित रहा है। सौभाग्य से मैंने चीन की सीमा को खुला रखने की डब्ल्यूएचओ की सलाह को दरकिनार कर दिया। आखिर उन्होंंने इतनी दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की? हम इसकी अच्छे से समीक्षा करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रम्प ने रक्षा विभाग के इंस्पेक्टर जनरल ग्लेन फाइन को हटा दिया है। फाइन कोरोनावायरस से निपटने के लिए बनी विशेष समिति के प्रमुख थे। इस समिति को 2 लाख करोड़ डॉलर का बजट दिया गया था।
The W.H.O. really blew it. For some reason, funded largely by the United States, yet very China centric. We will be giving that a good look. Fortunately I rejected their advice on keeping our borders open to China early on. Why did they give us such a faulty recommendation?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 7, 2020
Just had a conf call w/ major lenders discussing our Great Small Businesses & the #PPPloan. I ask every company, big & small, making announcements about innovative contributions, hiring new workers, or looking to overcome setbacks to share your stories with #AmericaWorksTogether! pic.twitter.com/zfEy14aJ86
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 7, 2020
40 साल से कम लोगों के टेस्ट नहीं, उन्हें क्वारेंटाइन की सलाह दी जा रही; न्यूयॉर्क-न्यूजर्सी में भारतीय संक्रमित
न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय संक्रमित हैं। कई की मौत हो चुकी है। हालांकि इनकी सटीक संख्या नहीं पता है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के पूर्व अध्यक्ष सहित कई लोग आईसीयू में हैं। ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने बताया कि ह्यूस्टन के आईटी पेशेवर रोहन बावडेकर की मदद के लिए 1.5 करोड़ रु. जुटाए हैं। रोहन वेंटिलेटर पर हैं। उनकी पत्नी और तीन बच्चे भी संक्रमित हैं। न्यूयॉर्क के एक स्कूल में फोटोग्राफी पढ़ाने वाली स्पंदिता मलिक कहती हैं कि यहां हर कोई डरा हुआ है। लोग डिप्रेशन में हैं। टीवी और सोशल मीडिया भी देखना बंद कर दिया है। मेरी एक रूममेट वुहान से है। वह परिवार के लिए टेंशन में रहती है, उसे देखकर हम और डिप्रेशन में आ जाते हैं।’ वहीं आईटी प्रोफेशनल अर्पित वर्मा बताते हैं कि न्यूयॉर्क में संक्रमित बताए जा रहे लोगों की असल संख्या कहीं ज्यादा हैं। हर किसी का टेस्ट नहीं किया जा रहा। केवल उन लोगों का हो रहा है जो 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं, जिन्हें कैंसर, लिवर, किडनी या ऐसी कोई बीमारी है, छींक और बुखार है और गले में दर्द भी है, उसकी ट्रेवल हिस्ट्री है या वे ऐसे किसी व्यक्ति से 20 मिनट तक मिला है। तभी टेस्ट किया जा रहा है। अगर कोई भी 911 पर डायल करके कोरोना के लक्षण बताता है तो उसे क्वारैंटाइन होने की सलाह दी जा रही है। वे बताते हैं कि सड़क पर चलते हुए अगर मैं किसी जॉगर को देख लेता हूं तो सड़क पार कर रास्ता बदल लेता हूं। लोगों को लगने लगा है कि वे किसी के पास से भी गुजर गए तो उन्हें कोरोना हो जाएगा।’
न्यूयॉर्क सिटी में 3 महीने का किराया सरकार दे रही है
आईटी प्रोफेशनल अर्पित बताते हैं कि न्यूयॉर्क सिटी में मकान मालिक किराएदार को नहीं निकाल सकता। 3 महीने का किराया सरकार देगी। इसके अलावा सालाना एक लाख डॉलर (करीब 75 लाख रु.) कमाने वाले को सरकार 1200 डॉलर (90 हजार रु.), शादीशुदा लोगों को 1.8 लाख रु. और अगर एक बच्चा है तो अतिरिक्त 35 हजार खाते में दे रही है। बेघर मजदूरों के खाते में 3000 डॉलर (2.26 लाख रु.) दिए गए हैं।
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