कोरोना के संक्रमण को लेकर रोज नए अध्ययन सामने आ रहे हैं। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अस्पताल में मरीजों के कमरे में कोरोना के वायरस को हवा में मौजूद पाया गया। वायरस को मरीज से करीब चार मीटर तक की दूरी पर मौजूद पाया गया। सीडीसी अटलांटा के जर्नल इमर्जिंग इंफेक्सियस डिजीज में शोध प्रकाशित किया गया है। अध्ययन का नतीजा यह निकाला गया है कि कोविड मरीजों को होम आइसोलेशन में रखना खतरनाक साबित हो सकता है।
वाराणसी: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोरोना के हॉटस्पॉट को सील किया गया है, वाराणसी के मदनपुर में बैरिकेडिंग की गई है और यहां पुलिस बल तैनात किया गया है। #UttarPradesh #COVID19 pic.twitter.com/boBIQRK8sd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 12, 2020
40 में 14 नमूनों में वायरस की मौजूदगी : नया अध्ययन मूलत: एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज, बीझिंग ने वुहान के अस्पताल के आईसीयू एवं जर्नल वार्ड में किया है। आईसीयू में कोविड के 15 गंभीर मरीज भर्ती थे जबकि जनरल वार्ड में सामान्य लक्षणों वाले 14 मरीज थे। आईसीयू के भीतर हवा से लिए गए 40 में से 14 नमूनों में वायरस की मौजूदगी पाई गई, यानी पॉजिटिव नमूनों की संख्या करीब 35 फीसदी दर्ज की गई। जनरल वार्ड में से लिए गए 16 नमूनों में से हवा के दो नमूनों में वायरस मौजूद था। पॉजिटिव नमूनों का प्रतिशत 12.5 फीसद दर्ज किया गया। इस अध्ययन का दूसरा नतीजा यह निकाला गया है कि मरीज से चार मीटर तक की दूरी पर हवा से लिए गए नमूने में वायरस पाया गया।
444 people (430 Australian citizens, permanent residents and family; 14 New Zealand citizens) took off on a charter flight from Delhi for Melbourne. The flight was organised by a group of Australians led by Simon Quinn: Australian High Commission, India pic.twitter.com/QIQkhQkNZP
— ANI (@ANI) April 12, 2020
एक नमूना 2.4 मीटर की दूरी पर लिया गया, वो भी पॉजिटिव निकला। यह नतीजा भी चौंकाने वाला है क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने जो सामाजिक दूरी रखी है, वह अधिकतम दो मीटर रखी गई है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मरीजों के कमरे के फर्श, कंप्यूटर माउस, दरवाजों के हैंडल, मरीज के मास्क एवं पीपीई से लिए गए नमूनों में भी वायरस की पुष्टि हुई है। जूतों के तलों में वायरस मिला। आशंका यहां तक जताई गई है कि जूते के तले वायरस के कैरियर बन सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन से यह भी नतीजा निकलता है कि कोविड के रोगी को होम आइसोलेशन में रखना बीमारी के फैलाव का कारण बन सकता है क्योंकि घरों में लोगों के पास निजी बचाव के उपकरण नहीं होते हैं। एक नतीजा यह भी निकाला गया जनरल वार्ड की तुलना में आईसीयू की हवा में वायरस के पॉजिटिव नमूने ज्यादा निकले हैं। कारण यह है कि आईसीयू को बाहर के वातावरण से अलग रखा जाता है इसलिए आईसीयू में वायरस का संक्रमण का खतरा ज्यादा है। कोरोना का संक्रमण हवा में फैलता है या नहीं, इस पर वैज्ञानिकों की राय अलग-अलग है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने हवा में मौजूदगी पाई है लेकिन इन अस्पतालों में कोई स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित नहीं पाया गया। हालांकि, तर्क यह भी है कि वे निजी बचाव उपकरणों से लैस थे, अन्यथा संक्रमण हो सकता था।
Delhi: People make purchases at Azadpur Mandi. Dist Magistrate North yesterday directed DCP North West &Secretary APMC to take all necessary measures to ensure social distancing protocol is followed here&take strict action against those violating social distancing norms. #COVID19 pic.twitter.com/MHuwMubgfC
— ANI (@ANI) April 12, 2020
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