सेलेब न्यूट्रिशन एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर कहती हैं, क्वारेंटाइन के दौर में आप अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे तो बीमारी से दूर रहेंगे। इसके लिए आपके पास भरपूर वक्त है। फिटनेस के साथ ही आप कुछ वक्त फूड, बुक्स, कोडिंग में बिता सकते हैं, बच्चों को सिखा सकते हैं। इस दौरान अपने खानपान और एक्सरसाइज का ध्यान रखना जरूरी है। रुजुता दिवेकर बता रही हैं सेल्फ क्वारेंटाइन के दौरान शरीर की रोगों से लड़ने वाली क्षमता बढ़ाने वाले योगासन और डाइट चार्ट-
क्वारेंटाइन का हेल्दी प्लान: डे-1
5 बार सूर्यनमस्कार करें
- मील 1 – भिगोए हुए बादाम और किशमिश
- मील 2 – मूंगफली डालकर पोहा
- मील 3 – नींबू शरबत
- मील 4 – दाल-चावल, अचार
- मील 5 – मुट्ठी भर मूंगफली
- मील 6 – बेसन चीला
- सोने से पहले – हल्दी, गुड़ और सोंठ
सभी पारंपरिक रेसिपीज़ इम्युनिटी बढ़ाती हैं, भले ही वह बाजरा राब, दाल खिचड़ी या हल्दी दूध। सबसे मज़ेदार बात यह स्वादिष्ट हैं और सांस की नली से जुड़ी समस्याओं से निपटने में कारगर हैं।
क्वारेंटाइन का हेल्दी प्लान: डे-2
- मील 1- खजूर और अखरोट
- मील 2- इडली और सांबर
- मील 3- कालीमिर्च के साथ रसम
- मील 4- अजवायन के साथ नमकीन पराठा, दही या अचार के साथ
- मील 5- काजू और गुड़
- मील 6- खिचड़ी और घर के बने पापड़
- सोने से पहले – हल्दी-केसर और सोंठ के साथ दूध।
क्वारेंटाइन का हेल्दी प्लान: डे-3
- मील-1: बगैर नमक के पिस्ते, छुआरे
- मील-2: रागी डोसा या प्लेन डोसा
- मील-3: कोपरा-गुड़, धनिया के दाने
- मील-4: राजमा चावल
- मील-5: घर की बनी मठरी
- मील-6: तीखा पूरी, अचार के साथ
- सोने से पहले: गुलकंद के साथ दूध और सब्जा सीड्स
- स्काव्ट्स और लन्जेंस या लंगड़ी टांग खेल सकते हैं
लो कैलोरी, लो फैट, लो कार्ब डायट को कहें ना
इस समय लो कैलरी, लो फैट, लो कार्ब डायट बिल्कुल न अपनाएं। इससे हमारे पेट और इम्युन सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ेगा। भरपूर पानी पिएं, घर का बना खाना खाएं। ये हमें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रखेंगे। इस वक्त हमें इसी की जरूरत है। डायटिंग बिल्कुल न करें।
मूड बेहतर करने के लिए, ये ध्यान रखें
लगातार घर पर रहने से निराशा हो सकती है, लेकिन कुछ ऐसे फूड हैं जो आपके मूड को बेहतर करते हैं। जैसे मुट्ठी भर मूंगफली या काजू, एक कटोरी दही या घर में बना नींबू पानी। घर पर ही हैं तो हफ्ते में शीरा, समोसे-कचौरी जैसी नमकीन बना सकते हैं। हालांकि रोज के खाने में दाल-चावल, घर का बना अचार, मूंग या कोई और अंकुरित दाल को सब्जी या स्नैक्स की तरह पका सकते हैं। बेसन का चीला, ज्वार, रागी या कुट्टू की रोटी आपके मूड को बेहतर करेगी।
बच्चों को कुछ नया सिखाएं
हमारे घरों में लड्डू, बर्फी, मठरी, पापड़, अचार बनाने की जो परंपरा रही है, अब उसे आगे बढ़ाने और बच्चों को सिखाने का सही वक्त है। अब तक इस पर कोई खतरा नहीं था। लेकिन हमारी ऐसी पहली पीढ़ी होगी, जो अपने बच्चों को यह सब नहीं सिखा रही है। संकट के इस ‘खाली समय’ को एक अवसर की तरह देखें और बच्चों को खाना बनाने, खाने, बांटने की खुशी को अनुभव करने दें। यह ऐसा मौका है जब हम वॉट्सएप, टीवी की दुनिया से दूर पूरे परिवार के बीच एक बॉन्ड कायम कर सकते हैं। बच्चों के साथ मिलकर मठरी, शकरपारा, चकली, चिवड़ा बना सकते हैं, जो हमें सेहतमंद रखेंगे।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घर पर ही तीन आसान आसन
अधोमुखाश्वानासन
घुटनों के बल खड़े हो जाएं। फिर हाथों को जमीन पर रखें। पंजों पर जोर देते हुए घुटने सीधे करें। कमर और पिछला हिस्सा ऊपर उठाएं। हाथों को आगे करते हुए बॉडी से उल्टे वी (V) का शेप बनाएं। सिर नीचे झुका रहे। कुछ देर बॉडी को इसी पोजिशन में मेंटेन करें। सांस छोड़ते हुए नॉर्मल पोजिशन पर आएं। 3-4 बार रिपीट करें। हाथ-पैर, कंधों को मजबूती देता है।
प्रसारित पदोत्तानासन
पैरों को फैलाकर आगे की ओर झुकना होता है। इससे गर्दन, पीठ, पिंडलियों और हैम स्ट्रिंग्स की एक्सरसाइज होती है।
उत्तानासन
सीधे खड़े होकर दोनों पैरों को साथ में रखते हुए आगे की ओर झुकें। मन और नसों को तरोताजा करता है। कूल्हों और जांघों को मजबूती देता है। लगातार अभ्यास से रीढ़ की हड्डी का खिंचाव दूर होता है।
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