तबलीगी जमात का एक और ग्रुप शुरा-ए-जमात है, जिसका मुख्यालय तुर्कमान गेट दिल्ली में है। उन्होंने कोरोनो वायरस के प्रकोप के तुरंत बाद सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। जबकि मौलाना साद ने अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखने के लिए जोर दिया।
- कोरोना वायरस फैल रहा था तभी जमात रद्द करने को कहा गया था
- कई वरिष्ठ मौलानाओं ने भी साद से किया था अनुरोध
- दिल्ली में ही तबलीगी जमात के दूसरे गुट ने कार्यक्रम कर दिया था रद्द
- उत्तर प्रदेश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत जमाती
- साद की लापरवाही पर कई मुस्लिम मौलाना भी नाराज
BJP MP Gautam Gambhir has allocated Rs 50 Lakhs from MPLAD fund to Delhi government. Earlier too he had allocated Rs 50 Lakh to the Delhi govt. (file pic) #Coronavirus pic.twitter.com/jO6j2NxrSv
— ANI (@ANI) April 6, 2020
अयोध्या पिछले चार दिनों में देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने केंद्र और राज्य सरकारों की टेंशन बढ़ा दी है। केंद्र के डेटा से पता चला है कि मामलों में अचानक आई इस तेजी का कनेक्शन तबलीगी जमात से है। देश में कोरोना के मामलों में दोगुना इजाफा होने की दर 4.1 दिन हो गई है, लेकिन अगर दिल्ली में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन के बाद हाल में संक्रमण फैलने की घटना न होती तो यह दर 7.4 दिन होती।
इसमें सबसे बड़ा रोल तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कंधलावी को बताया जा रहा है। साद के एक फैसले ने नई मुसीबत खड़ा कर दी और अब देश मुश्किलों से जूझ रहा है। साद ने कथित रूप से कई वरिष्ठ मौलवियों, मुस्लिम बुद्धिजीवियों की सलाह और अनुरोधों को भी नहीं सुना, जिन्होंने मार्च 2020 के निजामुद्दीन मरकज की बैठक को रद्द करने को कहा था। इन लोगों ने भी कोविड-19 के फैलने के चलते ही बैठक निरस्त करने को कहा था।
सैकड़ों अनुयायियों का जीवन खतरे में डाला
मौलाना साद के अड़ियल रवैये ने उनके ऊपर अंधविश्वास करने वाले सैकड़ों अनुयायियों का जीवन खतरे में तो डाला ही साथ ही उन्होंने कई मुस्लिम सदस्यों की छवि को भी धूमिल किया। मरकज में भाग लेने वालों में कई को कोरोना के लक्षण थे और उन्हें दूसरे लोगों के बीच छोड़ दिया गया। वहीं साद अपने कुछ मुशीरों (सलाहकारों) के साथ छिपता रहता है। देश के सभी कोरोना मामलों का 30 फीसदी जमात से जुड़े हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा लगभग 50 प्रतिशत तक का है।
Around 198 FIRs registered by Delhi Police over violation of home quarantine orders. These FIRs were registered not only on the basis of the complaints by neighbors or family members but also on the basis of phone tracking: Delhi Police #COVID19 pic.twitter.com/f1ldMQfhVy
— ANI (@ANI) April 6, 2020
एक दूसरे गुट ने रद्द कर दिया था कार्यक्रम
तबलीगी जमात का एक और गुट शुरा-ए-जमात है, जिसका मुख्यालय तुर्कमान गेट दिल्ली में है। उन्होंने कोरोनो वायरस के प्रकोप के तुरंत बाद सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। जबकि मौलाना साद ने अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखने के लिए जोर दिया। यहां उसने अपना प्रचार किया और ‘मस्जिद में सबसे अच्छी मौत’ जैसा उपदेश भी लोगों को दिया।
‘जमातियों को मौत के मुंह में धकेला’
तबलीगी जमात के एक पुराने साथी मोहम्मद आलम ने कहा, ‘साद को सब कुछ पता था, लेकिन उसके अड़ियल रवैये ने निर्दोष तबलीगी को एक महामारी के मुंह में धकेल दिया।’ उन्होंने पूछा, ‘वह आदमी, जो दुनिया के मुसलमानों के अमीर होने का दावा करता है, तबलीगी मरकज को मक्का और मदीना के बाद सबसे पवित्र स्थान बताता है, वह कोरोनो वायरस जैसी महामारी से अंजान रहा?’
एक अन्य पुराने तबलीगी सदस्य, मऊ के लियाकत अली खान ने कहा, ‘मौलाना साद ने जिम्मेदार मुस्लिम बुद्धिजीवियों को सलाह क्यों नहीं मानी? और वह खुद को क्यों छिपा रहा है? वायरस की जांच क्यों नहीं करवा रहा है?’
Himachal Pradesh: 18 people, who were in quarantine after they attended Tablighi Jamaat event in Delhi, have been brought from Paonta Sahib to Medical College in Nahan, Sirmaur where their samples will be collected for test&sent to Indira Gandhi Medical College&Hospital, Shimla. pic.twitter.com/AMET93CcJT
— ANI (@ANI) April 6, 2020
हर किसी का अनुरोध किया अनसुना
मौलाना साद के करीबी और विश्वासपात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस घटना को रद्द करने के लिए बार-बार अनुरोध करने की बातें उन्होंने नहीं सुनीं और अपने अनुयायियों को मुसीबत में धकेल किया।
कांग्रेस नेता मीम अफजल और एक अन्य मुस्लिम नेता जफर सरेशवाला ने भी बैठक को रद्द करने के लिए मौलाना साद को भेजी गई कई सलाहों के बारे में खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मौलाना साद अपनी जिद पर अड़े रहे। हालांकि, साद के एक अन्य सहयोगी मौलाना हरिस ने अपने नेता का यह कहते हुए बचाव किया कि ‘जब हमारे जामात विदेशों से आए थे, तो भारत सरकार ने उन्हें प्रवेश करने की अनुमति दी थी। यह हमारी गलती कैसे है?’
तीन दिन तेजी से आगे बढ़ा कोरोना
कोरोना वायरस के मामले तबलीगी जमात के बाद अचानक तेजी से बढ़े हैं। बैठक के बाद 4.1 दिनों में भारत में कोविड-19 मामले दोगुने हो रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार अगर जमातियों में कोरोना वायरस न होता तो इतने केस 7.4 दिनों में सामने आते जो 4 दिनों में सामने आए हैं।
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