केरल: दलित महिला बलात्कार एवं हत्याकांड

कोच्चि: कोच्चि की एक अदालत ने केरल में पिछले वर्ष विधि की एक दलित छात्रा के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में असम के एक प्रवासी मजदूर को मंगलवार (12 दिसंबर) को दोषी करार दिया. एर्नाकुलम की प्रधान सत्र अदालत के न्यायाधीश एन. अनिल कुमार अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले में बुधवार (13 दिसंबर) को सजा सुनाएंगे. इस मुकदमे में मोहम्मद अमीरूल इस्लाम को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 376 (बलात्कार), 376 (ए) के तहत दोषी ठहराया गया है. आरोपी को धारा 201 (सबूत मिटाना) और एससी/एसटी अत्याचार निरोधक संशोधन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी नहीं पाया गया.

अदालत ने अपराध में इस्लाम की भूमिका स्थापित करने के लिये वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने के लिये जांच दल की प्रशंसा की. जांच दल ने डीएनए प्रौद्योगिकी और कॉल रिकॉर्ड की जांच जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया था ताकि अपराध में अमीरूल की संलिप्तता साबित की जा सके. अदालत ने विशेष लोक अभियोजक और उनकी टीम की भी पेशेवर तरीके से मुकदमा चलाने के लिये तारीफ की. फैसले का स्वागत करते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि दोषी को मौत की सजा दी जाए.

उन्होंने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी भी लड़की के साथ ऐसा नहीं होना चाहिये. वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि इस्लाम ने ही वह घृणित अपराध किया था. उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिये, ताकि ऐसे तत्वों को सख्त संदेश दिया जा सके.’’ उन्होंने कहा कि अगर मौत की सजा से कम कोई भी सजा सुनाई जाती है तो वह ऊपरी अदालत में अपील दायर करेंगी.

जांच का नेतृत्व करने वाली अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बी संध्या ने फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जांच दल ने वैज्ञानिक तरीके से जांच करने के लिये पेशेवर कौशल दिखाया. विशेष लोक अभियोजक एन उन्नीकृष्णन ने कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी के लिये अधिकतम सजा की मांग करेगा क्योंकि वैज्ञानिक जांच में यह बात स्थापित हुई है कि उसने ही जघन्य अपराध किया. बचाव पक्ष के वकील बी ए अलूर ने कहा कि मामले में इस्लाम को न्याय से वंचित किया गया. उन्होंने कहा कि वह इस्लाम को मौत की सजा से बचाने का प्रयास करेंगे. अदालत ने छह दिसंबर को मामले की सुनवायी पूरी कर ली थी और फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था.

पिछले वर्ष अप्रैल से शुरू हुई सुनवायी के दौरान करीब 100 गवाहों का परीक्षण किया गया. अभियोजन पक्ष ने इसे दुर्लभतम में दुर्लभ मामला बताया था. असम से यहां मजदूरी करने आये और मामले में एकमात्र आरोपी इस्लाम पर एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था. इस्लाम ने विधि विषय की दलित छात्रा से 28 अप्रैल, 2016 को पेरंबवूर में बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. इस्लाम अपराध को अंजाम देने के बाद पेरंबवूर से तुरंत भाग गया था. उसे पड़ोसी तमिलनाडु के कांचीपुरम से अपराध के 50 दिन बाद गिरफ्तार किया गया था.

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