दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (Lok Nayak Jaiprakash) में अपना इलाज कराने पहुंचे कोरोना रोगी ने बेहद भयावह स्थिति की जानकारी दी है.
#WATCH अमरावती: एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में TDP के MLA और MLC's ने असेंबली में जाने से पहले पार्टी के फाउंडर NTR को श्रद्धांजलि अर्पित की। TDP के नेताओं ने सरकार द्वारा पार्टी के नेता के.अत्चन्नायडू को गिरफ्तार करने के विरोध में काली कमीजें पहनीं। pic.twitter.com/dxjpiPBKqi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 16, 2020
नई दिल्ली. दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) में कोरोना मरीजों (Covid19 Patients) के इलाज में अव्यवस्था को लेकर पहले भी खबरें आ चुकी हैं. अब NDMC के एक रिटायर्ड अधिकारी का मामला सामने आया है. 8 जून को अस्पताल में भर्ती कराए गए सुरिंदर कुमार अव्यवस्था से इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने फोन पर अपने घर वालों से कहा,’यहां मैं खौफ की वजह से मर जाउंगा. मेरे अलग-बगल सिर्फ लाशें दिख रही हैं. प्लीज मुझे घर लेकर चलो.’ सुरिंदर को बीते 8 जून को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकलने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत पहले से भी खराब रहती थी. डायलिसिस होती रहती है. शक जाहिर किया जा रहा है कि डायलिसिस के दौरान ही उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ है.
क्या हुआ जब अस्पताल पहुंचे
एलएनजेपी अस्पताल पहुंचने पर सुरिंदर वहां कई लाशें देखकर परेशान हो गए थे. लेकिन सुरिंदर की मुश्किलें यहां से खत्म नहीं शुरू हुई थीं. सुरिंदर के बेटे संदीप लाला ने न्यूज18 को बताया-इसके कुछ ही देर बाद वार्ड बॉय आया और उसने ऑक्सीजन मास्क मुंह के बजाए सिर पर लगा दिया. जब हमने व्यवस्था पर सवाल उठाए तो मुझे उठाकर बाहर फेंक दिया गया. हमें अपने पिता तक उनका बैग भी नहीं पहुंचाने दिया गया जिसमें उनका फोन और खाने का कुछ चीजें थीं.
नहीं दी जा रही थी कोई जानकारी
इसके बाद अगले 24 घंटे में सुरिंदर के परिवार ने कई बार प्रयास किया कि पिता का हाल जाना जा सके. लेकिन अस्पताल की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई. परिवारवालों का कहना है कि अस्पताल स्टाफ ने उनके कहा कि हेल्पलाइन पर कॉल करो. लेकिन हेल्पलाइन नंबर पर भी कोई फोन उठाने वाला नहीं था. तीसरे दिन संदीप ने एक स्वीपर को कुछ पैसे देकर अपने पिता तक फोन पहुंचवाया.
क्या कहते हैं सुरिंदर
संदीप कहते हैं-मैं उस फोन पर कई बार कॉल किया लेकिन पापा ने रिसीव नहीं किया. इस दौरान सुरिंदर अस्पताल के भीतर बुरी तरह डरे हुए थे. उन्होंने न्यूज18 को फोन पर बताया है-मेरी हालत खराब कर दी एलएनजेपी वालों ने. कोई इलाज नहीं, कोई व्यवस्था नहीं. सिर्फ 2 ब्रेड देते थे खाने को. पानी नहीं था पीने को. मैं अगर 2-4 दिन और रुक जाता तो मैं मर जाता वहां पर. वहां डेड बॉडीज की लाइन लग रही थी सब जगह.’
अस्पताल की तरफ से घरवालों को आया फोन
11 जून को अस्पताल प्रशासन ने घरवालों को फोन पर सूचना दी कि सुरिंदर कुमार गायब हो गए हैं और मिसिंग कंप्लेन फाइल कर दी गई है. संदीप कहते हैं-मैं भौंचक रह गया. मैं और मेरा भाई अस्पताल पहुंचे और हमारी स्टाफ के साथ खूब बहस हुई. हमें उस थाने के बारे में बताया गया जहां पर कंप्लेन दर्ज हुई थी. लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें.
अस्पताल में पिता को ढूंढा
दोनों भाइयों ने अस्पताल के भीतर ही अपने पिता को तलाशना शुरू किया. कई वार्ड्स में तलाशने के बाद आखिरकार सुरिंदर कुमार एक दूसरे वार्ड में मिले. अस्पताल स्टाफ ने एक बार और बहस के बाद सुरिंदर कुमार को डिस्चार्ज कर दिया. और वो अपने घर वापस आ गए. सुरिंदर में अब भी कोरोना के लक्षण हैं. वो इस वक्त अपने घर में ही सेल्फ आइसोलेशन पर हैं.
CM Uddhav Thackeray's coordination with all the cabinet ministers is very good. No one is upset; talks happen with Balasaheb Thorat and Ashok Chavan. As we come out the current crisis in the state, CM will hear what everyone has to say: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/4zShyXWexe
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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