दिल्ली चुनाव: केजरीवाल ने कहा है कि अमित शाह को शाहीन बाग जाना चाहिए

केजरीवाल ने कहा है कि अमित शाह को शाहीन बाग जाना चाहिए और प्रदर्शनकारियों को समझाना चाहिए.

अमित शाह ने कहा- ”आप लोग (केजरीवाल और मनीष सिसोदिया) कहते हैं कि आप शाहीनबाग के साथ हैं. अगर आप में हिम्मत है तो जाइए और उनके साथ बैठिए.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच खूब बयानबाजी हो रही है. दोनों नेता शाहीनबाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर एक दूसरे पर हमलावर हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अमित शाह को शाहीन बाग जाना चाहिए और प्रदर्शनकारियों को समझाना चाहिए. वहीं केजरीवाल के इस बयान पर अमित शाह ने कहा है कि केजरीवाल शाहीन बाग के साथ खड़े हैं तो प्रदर्शनकारी उन्हीं की बात मानेंगे.

दरअसल अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे मंत्रियों को शाहीन बाग जाना चाहिए और लोगों से बातचीत कर रास्ता खुलवाना चाहिए. उन्होंने ट्वीट भी किया, ”शाहीन बाग़ में बंद रास्ते की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. बीजेपी नहीं चाहती कि रास्ते खुलें. बीजेपी गंदी राजनीति कर रही है. बीजेपी के नेताओं को तुरंत शाहीन बाग़ जाकर बात करनी चाहिए और रास्ता खुलवाना चाहिए.”

शरजील और शाहीन बाग पर भिड़े दोनों नेता

 

केजरीवाल के इस बयान पर उत्तर पश्चिम दिल्ली के रिठाला में एक चुनावी सभा में अमित शाह ने कहा, ”मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि क्या वह शरजील इमाम को पकड़वाने के पक्ष में हैं या नहीं? क्या आप शाहीनबाग के लोगों के साथ हैं या नहीं, कृपया दिल्ली के लोगों को बताएं.” इमाम शाहीनबाग में प्रदर्शन के शुरुआती आयोजकों में से एक था.

 

अमित शाह ने आगे कहा, ”आप लोग (‘आप’ नेता) कहते हैं कि आप शाहीनबाग के साथ हैं. अगर आप में हिम्मत है तो जाइए और उनके साथ बैठिए. और दिल्ली को फैसला लेने दीजिए.” शाह ने पिछले हफ्ते उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर उनकी उस टिप्पणी के लिए निशाना साधा था जिसमें सिसोदिया ने कहा था कि वह शाहीन बाग के साथ खड़े हैं.

शाहीन बाग में पिछले एक महीने से प्रदर्शन जारी

बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर पिछले करीब डेढ़ महीने से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं. प्रदर्शनकारी लगातार मोदी सरकार पर संविधान को कुचलने और लोकतंत्र को खत्म करने जैसे आरोप लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जबतक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, तबतक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. शाहीब बाग की तर्ज पर देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं. मुंबई के नागपाड़ा इलाके में कल आधी रात से प्रदर्शन हो रहा है. यहां भी बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर डटीं हुई हैं.

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