कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली-एनसीआर के कई अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए इनकार कर उन्हें वापस लौटा रहे हैं। अस्पताल के इलाज करने से मना करने के कई और नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली से सटे नोएडा के खोड़ा की एक और महिला और पुरुष की जान चली गई। महिला को दिल्ली, गाजियाबाद के कई अस्पतालों में इलाज नहीं मिल सका। प्रताप विहार की रहने वाली ममता को दिल की बीमारी थी। रविवार सुबह उसके सीने में दर्द हुआ। परिजनों ने एंबुलेंस कॉल की मगर नहीं आई। स्थानीय नेता ने एंबुलेंस की व्यवस्था कराई।
Kerala: Devotees arrive at Sreekanteswaram Siva Temple in Thiruvananthapuram to offer prayers as it reopens, after state govt allowed reopening of places of worship from today. pic.twitter.com/PjA4KZ2VA3
— ANI (@ANI) June 9, 2020
परिजन महिला को लेकर सबसे पहले दिल्ली के जीटीबी अस्पताल गए, लेकिन वहां से लौटा दिया गया। फिर वह हेडगेवार, एम्स, सफदरजंग और आरएमएल गए मगर कहीं इलाज नहीं मिला। करीब 4 बजे वह गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल पहुंचे। यहां से उन्हें मेरठ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। परिजन फिर मेरठ की ओर भागे मगर ममता ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। ठीक इसी तरह शुक्रवार को खोड़ा की एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने से मौत हो गई थी।
जाद विहार में रहने वाले 58 वर्षीय शख्स कोरोना पीड़ित थे। उनके बेटे संदीप रावत ने बताया कि वह 5 जून को सेक्टर-33 स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गया। वहां डॉक्टरों ने कोरोना जांच को कहा। उन्होंने जिला अस्पताल में नमूना दे दिया। वहां पहले कहा गया कि क्वारंटाइन करेंगे मगर बाद में जाने को कह दिया। रावत ने कहा, मैं पास के ही एक निजी अस्पताल में पिता को ले गया। लेकिन उन्होंने भी भर्ती नहीं किया। हम घर आ गए। रविवार को सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। हम उन्हें जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन उनकी मौत एंबुलेंस में ही हो गई। एंबुलेंस में आते समय मुझे फोन पर बताया गया कि पिता कोरोना संक्रमित हैं, कई बार मांगने पर भी मुझे उसकी रिपोर्ट नहीं दी गई।
क्या बोले सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता?
महिला की मौत को लेकर सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने कहा कि महिला को सूचना मिलने के बाद तत्काल एमएमजी में भर्ती कराया गया। इसके बाद चिकित्सकों ने महिला को मेरठ रेफर कर दिया। सरकारी एंबुलेंस के नहीं पहुंचने की पीड़ित परिवार से जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी।
Jammu and Kashmir: Mulberry farmers in Srinagar say timely rainfall & organic fertiliser helped in better production this year. Mohd Abdullah Bhat, Deputy Director Sericulture Department says,"Because of the above mentioned 2 factors, we might have grown more than demand."(08.06) pic.twitter.com/23qWH9A7um
— ANI (@ANI) June 9, 2020
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