दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कपिल मिश्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी।
आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कपिल मिश्रा के खिलाफ याचिका लगाई थी। इससे पहले, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में प्रचार किया था।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कपिल मिश्रा लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे और उनके ऊपर कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए थे।
मोदी जी के लिए सौ बार विधायक की कुर्सी कुर्बान : कपिल मिश्रा
विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर कपिल मिश्रा ने कहा कि मोदी जी के लिए अभियान चलाने पर मैं एक क्या सौ बार विधायक की कुर्सी कुर्बान कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि एक तरफ देशभक्त और एक तरफ टुकड़े टुकड़े गैंग है। मैं सारी दिल्ली के साथ खड़ा था। अभी “सातों सीटें मोदी को” अभियान चलाया और विधानसभा चुनाव में “साठ सीटें मोदी को” अभियान चलाऊंगा। कपिल ने कहा कि जिस प्रकार से इस पूरे मामले की सुनवाई की गई, आधी सुनवाई के बीच में फैसला सुनाया गया व मुझे कोई भी गवाह व तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई, एक तरह से कानून व विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कानून व प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गईं, ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है। कोर्ट में ये आदेश एक दिन भी नहीं टिक पाएगा। इस अलोकतांत्रिक, गैरकानूनी और विधानसभा व जनता का अपमान करने वाले कानून के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा।
विधानसभा का मानसून सत्र 22 से 26 अगस्त तक
बता दें कि, इस बार दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र 22 से 26 अगस्त होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।