दिल्ली हिंसा में आईबी अधिकारी की हत्या के मामले में फरार चल रहे आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन सरेंडर करने के लिए आज (5 मार्च को) दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। यहां उन्हें क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया।जज ने कहा कि सरेंडर पर सुनवाई का अधिकार हमारा नहीं है और याचिका को खारिज कर दिया।
वहीं, ताहिर की ताक में बैठी क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे कोर्ट के पार्किंग से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद ताहिर हुसैन को क्राइम ब्रांच के तफ्तर ले जा रही है।
Delhi: Suspended AAP Councillor Tahir Hussain surrenders before Court. Hussain through his lawyer Mukesh Kalia had moved a surrender plea before Additional Chief Metropolitan Magistrate (ACMM) Vishal Pahuja. #DelhiViolence pic.twitter.com/0h8pej18VW
— ANI (@ANI) March 5, 2020
मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने ताहिर के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली थी। इससे पहले उसने सरेंडर करने का फैसला किया। उन्होंने खुद पर लगे सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मुझे फंसाया जा रहा है। उपद्रवियों ने मेरे मकान का गलत इस्तेमाल किया है।
ताहिर ने कहा कि मैं किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं। बीजेपी ने मुझे साजिश के तहत फंसाया है। मैंने अपने घर से डंडे से उपद्रवियों को भगाने की कोशिश की थी। मैं नारको टेस्ट के लिए भी तैयार हूं। पुलिस ने मुझे खुद मेरे घर से रेस्क्यू किया था।
दिल्ली हिंसा के बाद से ताहिर की तलाश में जुटी एसआईटी ने दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों पर उसकी तलाश में छापेमारी की थी। एसआईटी सूत्रों की मानें तो ताहिर 2 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते रहे। 24 तारीख को 12 बजे तक की कॉल डिटेल्स खंगाली गई, जिसके मुताबिक ताहिर हुसैन 24 की रात 12 बजे के आस-पास तक चांद बाग के उसी घर में मौजूद था। वहीं जांच मे यह बात भी सामने आई थी कि ताहिर ने 24 तारीख को (हिंसा के दिन) दिनभर में करीब 150 कॉल किए थे। जांच में जुटी पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह कॉल उसने किसको की थी।
मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने फरार ताहिर हुसैन के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाली है। उसकी 19 नंबरों पर ज्यादा बातचीत हुई है। इस आधार पर यह माना जा रहा है कि जिन नंबरों पर उसकी ज्यादा बातचीत हुई है, वह उसके करीबी नेटवर्क में हैं और उनकी भूमिका संदिग्ध हो सकती है। लिहाजा ये लोग पुलिस जांच की राडार पर हैं।
संशोधित नागरिकता कानून के समर्थक और विरोधी समूहों के 23 फरवरी से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शुरू हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था। इसमें 48 लोगों की मौत हो गई। उन्मादी भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी और स्थानीय लोगों तथा पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। दंगा प्रभावित इलाकों में जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार शामिल हैं। इस दौरान ताहिर हुसैन के घर से भी पथराव और उपद्रव की तस्वीरें सामने आईं जिसके बाद उनपर आईबी अधिकारी की हत्या के आरोप भी लगे। घटना के बाद से वे फरार चल रहे थे।