दिल्ली हिंसा: ताहिर हुसैन को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा

दिल्ली हिंसा में आईबी अधिकारी की हत्या के मामले गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि ताहिस हुसैन को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने गुरुवार को कोर्ट के पार्किंग से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने ताहिर हुसैन को आज कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने उनको पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

गिरफ्तारी से पहले ताहिर हुसैन ने खुद पर लगे सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मुझे फंसाया जा रहा है। उपद्रवियों ने मेरे मकान का गलत इस्तेमाल किया है। ताहिर ने कहा था कि मैं किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं। बीजेपी ने मुझे साजिश के तहत फंसाया है। मैंने अपने घर से डंडे से उपद्रवियों को भगाने की कोशिश की थी। मैं नारको टेस्ट के लिए भी तैयार हूं। पुलिस ने मुझे खुद मेरे घर से रेस्क्यू किया था।

दिल्ली हिंसा के बाद से ताहिर की तलाश में जुटी एसआईटी ने दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों पर उसकी तलाश में छापेमारी की थी। एसआईटी सूत्रों की मानें तो ताहिर 2 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते रहे। 24 तारीख को 12 बजे तक की कॉल डिटेल्स खंगाली गई, जिसके मुताबिक ताहिर हुसैन 24 की रात 12 बजे के आस-पास तक चांद बाग के उसी घर में मौजूद था। वहीं जांच मे यह बात भी सामने आई थी कि ताहिर ने 24 तारीख को (हिंसा के दिन) दिनभर में करीब 150 कॉल किए थे। जांच में जुटी पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह कॉल उसने किसको की थी।

मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने फरार ताहिर हुसैन के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाली है। उसकी 19 नंबरों पर ज्यादा बातचीत हुई है। इस आधार पर यह माना जा रहा है कि जिन नंबरों पर उसकी ज्यादा बातचीत हुई है, वह उसके करीबी नेटवर्क में हैं और उनकी भूमिका संदिग्ध हो सकती है। लिहाजा ये लोग पुलिस जांच की राडार पर हैं। संशोधित नागरिकता कानून के समर्थक और विरोधी समूहों के 23 फरवरी से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शुरू हुई झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था, जिसमें अभी तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

 

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