कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के एक कर्मचारी संघ ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर सभी सरकारी कार्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद करने की मांग की है। दिल्ली सरकार वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा ने कहा है कि लगभग 2.5 लाख लोग दिल्ली सरकार के साथ कार्यरत हैं और उनमें से अधिकांश पब्लिक से जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर दिल्ली सरकार को अपने सभी कार्यालयों को सात दिनों के लिए बंद करने वाले फैसले को यहां भी अपनाया जाना चाहिए। बत्रा ने कहा कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि यदि सरकार सभी कार्यालयों को बंद करने में दिलचस्पी नहीं रखती है, तो कुछ सार्वजनिक कार्यालयों को अल्टरनेटिव दिनों में कार्य करने की अनुमति दे सकती है। बत्रा ने कहा कि हमने 86 विभागों की एक सूची दी है, जो पूरी तरह से बंद हो सकते हैं,जबकि 68 सरकारी कार्यालयों को अल्टरनेटिव रूप से काम करने की अनुमति दी जा सकती है।
I have directed all DMs, SDMs and municipal commissioners to set up portable washbasins with automatic soap dispensers in public spaces that have not yet been shut. The most foolproof way to stop Coronavirus from spreading is frequent washing of hands with soap.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 16, 2020
उन्होंने कहा कि रजिस्टार और एमएलओ कार्यालय बंद हो सकते हैं क्योंकि संपत्ति पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस बाद में भी जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया है कि सचिवालय की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार दिल्ली पुलिस को परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच करने के लिए मेटल डिटेक्टरों का उपयोग करने के सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पहले ही इसे एक महामारी घोषित कर चुकी है। साथ में 31 मार्च तक परीक्षाओं को छोड़ कर सभी सिनेमा हॉल, स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है। इसके अलावा सभी सरकारी और निजी कार्यालयों और शॉपिंग मॉल और पब्लिक प्लेस को सेनेटाइज करना अनिवार्य कर दिया है।
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