आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अमरावती स्थित आवास प्रजा वेदिका पहुंचने वाले हैं. इसके लिए वहां सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अमरावती स्थित आवास प्रजा वेदिका पहुंचने वाले हैं. चंद्रबाबू नायडू विजयवाड़ा के गन्नावरम एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं. एयरपोर्ट पर टीडीपी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश दिया है जिसके विरोध में वहां उनके समर्थक भारी मात्रा में पहुंचे हैं.
पुलिस की मौजूदगी में इसको तोड़ने का काम भी शुरू हो चुका है. बता दें चंद्रबाबू नायडू लंबी पारिवारिक छुट्टी बिताकर वापस लौटे हैं, अब वे सीधे प्रजा वेदिका पहुचेंगे.
आंध्र प्रदेश की सत्ता से विदाई के बाद चंद्रबाबू नायडू को मिल रही सहूलियतें कम होती जा रही हैं. तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में भी कटौती की गई है. बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है. पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग ध्वस्त करने का आदेश दिया है. बिल्डिंग को तोड़ने का काम मंगलवार से ही शुरू हो चुका है. बीते दिनों चंद्रबाबू नायडू ने जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर ‘प्रजा वेदिका’ को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग ठुकरा दी गई.
‘प्रजा वेदिका ’का निर्माण पिछली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू के आधिकारिक निवास के बगल में किया गया था. इसका उपयोग सरकार और पार्टी गतिविधियों दोनों के लिए किया जा रहा था.
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में टीडीपी की हार के बाद, चंद्रबाबू नायडू ने 5 जून को नए मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने विपक्ष के नेता की हैसियत से उन्हें आवास आवंटित करने का अनुरोध किया था.
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में तेलगू देशम पार्टी को को जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. जिसने 151 सीटों पर जीत हासिल कर 175 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया था.
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भी वाईएसआरसीपी को 22 सीटें मिलीं, जबकि टीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिलीं थीं.