हल्दी प्राथमिक उपचार के लिए सबसे आसानी से इस्तेमाल में लाए जाने वाली चीज है। वेद पुराणों से लेकर आयुर्वेद और अब मॉडर्न साइंस भी हल्दी को लेकर चर्चा में रहता है।
3500 से ज्यादा साल हो गए होंगे, हल्दी भारतीय संस्कृति और रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है। बचपन से लेकर अब तक, सर्दी खांसी हो, गले में खराश हो या शरीर के किसी हिस्से में सूजन, चोट या दर्द, घरेलू इलाज के लिए दादी-नानी का सबसे पसंदीदा चीज जो रही है वो हल्दी ही है। हल्दी प्राथमिक उपचार के लिए सबसे आसानी से इस्तेमाल में लाए जाने वाली चीज है। वेद पुराणों से लेकर आयुर्वेद और अब मॉडर्न साइंस भी हल्दी को लेकर चर्चा में रहता है। ऐसा क्या है हल्दी में कि वनस्पतियों के गुणधर्मों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा भरोसा हल्दी पर आता है? हल्दी एक कमाल की औषधि है। भारतीय पारंपरिक हर्बल ज्ञान तो हल्दी पर एकतरफा भरोसा करता रहा है, आदिकाल से। और इसी भरोसे को परखने के लिए मॉडर्न साइंस ने भी 4000 से ज्यादा क्लिनिकल स्टडीज की हैं और हर बार साबित हुआ है कि हल्दी एक बेहतरीन औषधि है।
समझें ये बातें
हम ज्यादातर भारतीयों द्वारा हल्दी के दैनिक इस्तेमाल करने की प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं। ज्यादातर हल्दी का इस्तेमाल सब्जियों/ दालों/ व्यजंनों की रंगत बढ़ाने को ध्यान में रखकर किया जाता है। हल्दी का इस्तेमाल करते वक्त बहुत कम लोग इस बात को सोचते हैं कि इस हल्दी की वजह से सेहत दुरुस्त होने वाली है। हल्दी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, एंटीइनफ्लेमेट्री भी जबरदस्त है और पचासों समस्याओं में इसे बतौर औषधि उपयोग में लाया जाता है। अब इसे फ्लेवर और कलर के हिसाब से ही ज्यादा उपयोग में लाया जाता है लेकिन सामान्य तौर तरीकों में थोड़ा बदलाव करें तो वही हल्दी फ्लेवर और कलर के अलावा अपने गुणों को आपके शरीर में सौंपने में कसर नहीं छोड़ेगी।
हल्दी आपके भीतर सही तरीके से पहुंचे इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि सब्जी या दाल फ्राय करते समय जब कढ़ाही में तेल या घी डालें, सबसे पहले आवश्यकतानुसार हल्दी डालकर उसे तेल/ घी में घोल लें, फिर फ़्राय करने का प्रोसेस शुरू करें। तेल, घी या फैट्स हल्दी को शरीर के भीतर सही जगह पहुंचाने वाले ड्राइवर की तरह काम करते हैं।
वैसे एक व्यक्ति दिनभर में आराम से 5-8 ग्राम (2 चम्मच) तक हल्दी कंज्यूम कर सकता है, और इतना करना भी चाहिए। कभी चाय, दूध पीने का मन न हो तो एक गिलास पानी में आधा चम्मच (2 ग्राम) हल्दी पाउडर डालिये, 2 चुटकी काली मिर्च का पाउडर और पी लीजिये। ये बेहतरीन टॉनिक भी है। काली मिर्च हल्दी को हमारे शरीर के उन हिस्सों तक पहुंचा आती है, जहाँ हल्दी की जरूरत हो। काली मिर्च दरअसल हल्दी की bioavailability को बढ़ा देती है। काली मिर्च की वजह से हल्दी की bioavailibility 2000 गुना बढ़ जाती है, ये बिल्कुल सच बात है, प्रमाणित भी वैसे पानी में काफी देर उबालकर भी हल्दी की घुलनशीलता थोड़ी बढ़ाई जा सकती है।
Delhi | "To experience India's culture, Ramayana Express, under Bharat Gaurav Yatra, is getting flagged off," said Railway Minister Ashwini Vaishnaw, from Safdarjung RS, in the presence of Tourism, Culture & Development of North Eastern Region Minister G Kishan Reddy (21.06) pic.twitter.com/IZ24GmMzXG
— ANI (@ANI) June 22, 2022
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