कर्नाटक में शनिवार को उस समय कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट मंडराने लगा, जब सत्ता पक्ष के 12 विधायक इस्तीफा देने के लिए स्पीकर कार्यालय पहुंच गए. इन विधायकों में 8 कांग्रेस के हैं, जबकि तीन विधायक जनता दल सेकुलर के हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को लेकर हर घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) करीब से नजर रख रही है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने 11 विधायकों के इस्तीफे पर कहा कि विधायकों को लगता है कि इस पार्टी (कांग्रेस-जेडीएस) से बाहर आने का यह बेहतर मौका है. इसीलिए इन लोगों ने इस्तीफा दिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि विधायक के रूप में बने रहे राज्य और और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं है.
सरकार बनाने के सवाल पर सदानंद गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल के पास सर्वोच्च अधिकार है, संवैधानिक जनादेश के अनुसार यदि वह हमें बुलाते हैं, तो निश्चित रूप से हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. हम सबसे बड़ी पार्टी हैं, हमारे पास 105 विधायक हैं.
वहीं बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कर्नाटक के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि कर्नाटक की गठबंधन सरकार बीमार है. हम हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. आखिरकार राज्य में पैदा हुई अराजकता का अब अहसास हुआ है. गठबंधन सरकार के जाने से न सिर्फ बीजेपी बल्कि राज्य को लोगों को भी राहत मिलेगी.
राव ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को खारिज कर दिया है. लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बावजूद, बीजेपी ने भारी जनादेश हासिल किया. यह स्पष्ट रूप से लोगों के मूड को दर्शाता है, विधायक निश्चित रूप से गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से का खामियाजा भुगत रहे हैं.
कर्नाटक में शनिवार को उस समय कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट मंडराने लगा जब सत्ता पक्ष के 11 विधायक इस्तीफा देने के लिए स्पीकर कार्यालय पहुंच गए. इन विधायकों में 8 कांग्रेस के हैं, जबकि तीन विधायक जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक विधानसभा स्पीकर के यहां इस्तीफा देने पहुंचे हैं. हालांकि, स्पीकर फिलहाल मौजूद नहीं है.
बता दें कि कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनाने के लिए तमाम दांव आजमा रही है. बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि कर्नाटक की गठबंधन सरकार स्थिर नहीं है. हम हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. आखिरकार राज्य में पैदा हुई अराजकता का अब अहसास हुआ है. गठबंधन सरकार के जाने से न सिर्फ बीजेपी बल्कि राज्य को लोगों को भी राहत मिलेगी.
कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत के लिए 113 विधायक चाहिए. फिलहाल बीजेपी के 105 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं. इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय विधायक भी गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं.
हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस के दो विधायकों के इस्तीफा देने और एक विधायक को निष्कासित किए जाने के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 77 रह गई है. कांग्रेस-जेडीएस की संख्या 114 रह गई है. वहीं, बीजेपी दावा कर रही है कि कांग्रेस के 6 और जेडीएस के 2 विधायकों का गुप्त रूप से समर्थन मिला हुआ है, जो जल्द ही इस्तीफा देंगे.
बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने की उम्मीद लगाए बैठी है और लगातार इसके लिए दावे भी कर रही है. जेडीएस-कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हालांकि बीजेपी अभी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी साइलेंट ऑपरेशन लोटस चला रही है, ताकि ऐसी स्थिति बने जब कुमारस्वामी बहुमत से नीचे आ जाएं और बीजेपी अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करे.