नई दिल्ली: इंटरनेट उपयोगकर्ता और ऑनलाइन खरीदारों की बढ़ती संख्या के चलते देश का डिजीटल कॉमर्स (ई-कॉमर्स) बाजार 2018 तक बढ़कर 50 अरब डॉलर के पार पहुंच जाने की उम्मीद है. वर्तमान में ई-कॉमर्स बाजार का मूल्य 38.5 अरब डॉलर है. एक अध्ययन में यह संभावना जताई गई. उद्योग संघ एसोचैम और डेलॉयट के संयुक्त अध्ययन के मुताबिक, ई-कॉमर्स बाजार 2014 में 13.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2015 में 19.7 अरब पर पहुंच गया. इसमे कहा गया कि मोबाइल तथा इंटरनेट की पहुंच बढ़ने, एम कॉमर्स बिक्री (मोबाइल से बिक्री), सामान पहुंचाने की उन्नत शिपिंग व्यवस्था, भुगतान के विकल्प, मौजूदा छूट और ई-व्यवसाय का नए अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश के चलते बाजार में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली.
ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र में बैंक और अन्य वित्तीय कंपनियां भुगतान गेटवे के माध्यम से आसानी से भुगतान करने के लिए सुरक्षित ऑनलाइन मंच प्रदान कर रही हैं. लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र भगुतान के लिए ज्यादातर कैश ऑन डिलीवरी (सीओडी) को प्राथमिकता देता है. 50 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन लेनदेन के लिए सीओडी का विकल्प चुना जाता है.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि नियमित खरीदारों में 28 प्रतिशत 18 से 25 आयु वर्ग के, 42 प्रतिशत 26-35 आयु वर्ग, 28 प्रतिशत 36-45 आयु वर्ग और दो प्रतिशत लोग 45-60 आयु वर्ग के है. ऑनलाइन खरीदारों में 65 प्रतिशत पुरुष और 35 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. वर्ष 2017 में सर्वाधिक बिकने वाले उत्पादों में मोबाइल फोन, परिधान, खाद्य वस्तुओं और आभूषण सहित अन्य चीजें शामिल हैं.